भोपाल। यह न्यूज़ मध्यप्रदेश के अलीराजपुर की है। यहां के जिला आबकारी अधिकारी विनय रंगशाही को भोपाल अटैच कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव के आदेश पर आबकारी अधिकारी ने शराब माफिया के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके स्थान पर एक ऐसे अधिकारी को प्रभार दिया गया है जिस पर शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप है।
इधर माफिया की अवैध शराब पकड़ी उधर अटैचमेंट आर्डर जारी हो गए
गौरतलब है कि जिला आबकारी अधिकारी विनय रंगशाही शासन के आदेश अनुसार माफिया पर लगातार कार्रवाई कर रहे थे। उन्होंने बीते 10 जनवरी को अवैध शराब से भरी एक आइशर पकड़ी थी, जिसमें करीब 1100 पेटी बीयर मिली। जिसका बाजार मूल्य 10 लाख रुपए था। इसके बाद रंगशाही ने अगली कार्रवाई 15 जनवरी को की। पंजाब से भरकर हरियाणा की ओर जा रहे ट्रक को मानपुर में इंदाैर की टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई कर पकड़ा। इसमें करीब 1150 पेटी अवैध विस्की जब्त की गई। इसी कार्रवाई के बाद अगले दिन 16 जनवरी को आदेश निकल गए। जिसमें रंगशाही को भोपाल अटैच कर दिया गया।
जिस अधिकारी पर माफिया से मिलीभगत का आरोप उसे ही प्रभार दे दिया
रंगशाही को भोपाल अटैच करने के 1 घंटे बाद ही जिले का प्रभार सहायक आबकारी अधिकारी धमेंद्र भदौरिया को देने के आदेश जारी हाे गए। भदौरिया के आलीराजपुर आने के बाद जिले में यह चर्चाएं भी चल रही है कि भदौरिया सिंडिकेट के रिश्तेदार हैं। उन्हें यहां लाने की प्लानिंग पहले से थी। इसलिए रंगशाही को लूप लाइन में डाला गया।
प्रमुख सचिव ने दिए थे बड़ी कार्रवाई करने के आदेश
पिछले दिनों 26 दिसंबर को भोपाल में बैठक हुई थी। यह बैठक प्रमुख सचिव आईपीसी केसरी वाणिज्यिक कर ने ली थी। जिसमें कमिश्नर भी शामिल थे। इसी बैठक में अधिकारियों को शराब माफिया के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। इसमें कहा गया कि छोटे केस की जगह बड़े कैप्चर किए जाएं। बड़ी-बड़ी गाड़ियां पकड़ी जाएं। इन्हीं आदेशों के तहत रंगशाही ने जिले में कार्रवाई शुरू की थी।