भोपाल। मप्र सरकार द्वारा शिक्षकों/कर्मचारियों के लिए प्रति वर्ष विभिन्न राष्ट्रीय/सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पर्वों पर सामान्य व तीन ऐच्छिक अवकाश घोषित किये जाते हैं। इसके साथ ही जिलों में डीएम द्वारा तीन/चार स्थानीय अवकाश पृथक से घोषित किये जाते हैं। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने प्रेस नोट में बताया कि जिलों में तहसीलों से एसडीएम के प्रस्ताव पर डीएम द्वारा घोषित स्थानीय अवकाश का शिक्षकों को समुचित लाभ नहीं मिल पाता हैं। इसका कारण है, प्रदेश स्तर से घोषित अवकाश में से स्थानीय अवकाश का दोहराव होना।
स्थानीय अवकाश में कार्यालयीन कर्मचारियों द्वारा अपनी सुविधा एवं आवश्यकता को तरजीह देते हुए प्रस्ताव भेजे जाते हैं। शिक्षालयों में ग्रीष्मावकाश, दशहरा, दीपावली व शीत अवकाश शिक्षा विभाग द्वारा घोषित किये जाते हैं। इन्ही घोषित अवकाशों में से पुनः जिलों में डीएम द्वारा स्थानीय अवकाश के रूप में घोषित कर दिया जाता है, उदाहरणार्थ महाष्टमी, महानवमी, दशहरे-दीपावली के दूसरे दिन। इस कारण शिक्षकों को बमुश्किल एक/दो अवकाश का लाभ ही मिल पाता हैं, समुचित लाभ नहीं।
"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग से मांग करता है कि तकनीकी रूप से शासकीय कार्यालयों एवं शिक्षालयों में पृथक-पृथक स्थानीय अवकाश घोषित करने के आदेश प्रदेश के सभी कमिश्नर, डीम को जारी कर चालू वर्ष 2020 से प्रभावी करते हुए लागू किये जावे ; ताकि स्थानीय अवकाश का समुचित लाभ शिक्षकों एवं कर्मचारियों को समान रूप से मिल सके।