उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक एसएस रावत ने पुजारी चंद्रमोहन गुरु के प्रतिनिधि शरद शर्मा को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया है। शरद शर्मा गर्भगृह में श्रद्धालुओं से रुपए लेते वीडियो फुटेज में देखा गया है। मामले की जांच सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल को दी है। श्री शरद शर्मा अब केवल सामान्य दर्शनार्थी के रूप में ही मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश कर सकेंगे।
प्रशासक रावत के अनुसार गर्भगृह निरीक्षक जितेंद्र पंवार ने 2 जनवरी को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। प्रतिवेदन में लिखा है कि शरद शर्मा गर्भगृह के पाटले पर श्रद्धालुओं को रोक-रोक कर रुपए ले रहे थे। उसे समझाइश भी दी लेकिन वह नहीं माने। रावत ने घटना का सीसीटीवी फुटेज देखा, जिसमें शर्मा रुपए लेते हुए दिखाई दिए। प्रथम दृष्टया शर्मा को दोषी माने जाने पर प्रशासक ने मंदिर अधिनियम की धारा 18 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुजारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने से श्री शर्मा को आगामी आदेश तक निलंबित कर दिया। शरद शर्मा सामान्य दर्शनार्थी की तरह ही मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। इस मामले की जांच सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल को दी है। वे जांच प्रतिवेदन प्रशासक को प्रस्तुत करेंगे। जांच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
नए व पुराने अधिनियम में कार्रवाई :
राज्य शासन द्वारा नया मंदिर अधिनियम विधानसभा में पारित किया गया है। मंदिर के पुराने अधिनियम व नए अधिनियम में धारा 18(2) में प्रशासक को कार्रवाई की शक्ति हासिल है। दोनों अधिनियम में यही धारा है।