भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत यदि किसी के पास जमीन है तो वह उस पर मल्टी स्टोरी बना सकता है, इसके लिए उसे बिल्डर लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। यानी वह अपनी संपत्ति का पूरी तरह से कमर्शियल उपयोग कर सकेगा। शर्त केवल इतनी है कि भूमि स्वामी अपनी मल्टी में फ्लैट बेच नहीं सकता।
मध्य प्रदेश रेंटल हाउसिंग स्कीम क्या है
मध्य प्रदेश की रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत भूमि स्वामी को कॉलोनाइजर लाइसेंस की जरूरत नहीं है। सरकार का मानना है कि कई लोगों के पास अच्छी लोकेशन पर जमीन है और वे वहां मल्टी स्टोरी बनाना चाहते हैं, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं छोड़ना चाहते। वर्तमान व्यवस्था में यदि कोई अपनी जमीन पर मल्टी बनाता है, तो उसे कॉलोनाइजर नियम के तहत काम करना पड़ता है। उसे लाइसेंस लेना पड़ता है। आम व्यक्ति इन सभी झंझटों से दूर रहकर जमीन का व्यावसायिक उपयोग करना चाहता है। इसलिए इस स्कीम के लागू होने पर खाली पड़े प्लॉट उपयोग किए जा सकेंगे।
इतनी दिक्कतों से छूट मिलेगी
अभी इस स्कीम पर प्राथमिक स्तर पर काम चल रहा है। वर्तमान में किसी जमीन पर मल्टी बनाने के लिए कॉलोनाइजर लायसेंस जरूरी है। 15 प्रतिशत EWS/LIG भी बनाने पड़ते हैं। कॉलोनी में विकास कार्य पूरा नहीं होने तक 25 फीसदी फ्लैट/मकान गिरवी रखने पड़ते है। इन शर्ताें को शिथिल करने की तैयारी है।
जिनके पास खाली जमीन, उन्हें फायदा
जिन लोगों के पास खाली जमीन पड़ी है और वे उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, इस स्कीम का फायदा ले सकेंगे। खासतौर पर यूनिवर्सिटी, कॉलेज, बड़े संस्थानों व उद्योगों के पास की खाली पड़ी जमीन वालों को इसका लाभ होगा। इन संस्थानों में पढ़ने या काम करने वालों को भी पास में रहने की जगह मिल सकेगी।