नई दिल्ली। Religare enterprise limited की स्वास्थ्य बीमा कंपनी Religare Health Insurance Company Limited को कुरुक्षेत्र जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने सेवा में कमी का दोषी पाया है। कंजूमर फोरम ने कंपनी को आदेशित किया है कि वह फैसले के 30 दिन के भीतर वादी उपभोक्ता को ₹415000 अदा करें। कंपनी पर आरोप है कि उसने उपभोक्ता का बीमा करने के बाद क्लेम के समय क्लेम की राशि अदा करने से मना कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार जसबीर कौर पुत्री हरिसिंह पत्नी जगतार सिंह निवासी मोरथली तहसील पिहोवा ने इंडेस बैंक ब्रांक्स हैल्थ केयर के माध्यम से रैलीगर हैल्थ इंश्योरैंस से स्वास्थ्य बीमा करवाया। यह बीमा 4 लाख रुपए का था। महिला के घुटनों का ऑपरेशन मैक्स हैल्थ केयर के हवाले से हुआ। ऑपरेशन होने के बाद महिला ने मेडिकल क्लेम के तहत रिलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को अस्पताल का बिल चुकता करने को कहा मगर अधिकारियों ने कोई परवाह नहीं की। परेशान होकर उपभोक्ता ने प्रदीप बधवार अधिवक्ता के माध्यम से इंडैस बैंक पिहोवा, मैक्स हैल्थ केयर नई दिल्ली तथा रैलीगर हैल्थ इंश्योरैंस को पार्टी बनाकर तीनों पर उपभोक्ता अदालत में केस ठोक दिया।
अदालत में विरोधी पार्टियों में से 2 पार्टियों के वकील पेश हुए। इंडैस बैंक के वकील ने दलील दी कि वास्तव में महिला के इस ऑपरेशन से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वास्तव में इस मामले के जिम्मेवार केवल रैलीगर इंश्योरैंस कंपनी है। इसलिए बैंक का इसमें कोई कसूर नहीं है। मैक्स हैल्थ केयर की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के अध्यक्ष नीलम कश्यप, सदस्य ईशम सिंह सागवाल, सदस्य नीलम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश दिया कि पार्टी नं. 3 रैलीगर इंश्योरैंस कंपनी उपभोक्ता जसबीर कौर को 30 दिन के भीतर 4 लाख रुपए का मैडीकल क्लेम ब्याज सहित जारी करे। इसके अलावा बीमा कंपनी मानसिक उत्पीडऩ के एवज में 10 हजार रुपए तथा अन्य अदालती खर्चों की एवज में 5 हजार रुपए भी उपभोक्ता को अदा करे।