हर नए ब्लॉगर का यही सवाल होता है। ज्यादातर लोग सफल ब्लॉगर को देखकर या सफल ब्लॉकर्स की कहानियां पढ़कर ब्लॉगिंग करना शुरू करते हैं। पहली या दूसरी पोस्ट के साथ ही उनकी उम्मीद होती है कि उनकी पोस्ट तेजी से वायरल हो जाएगी और उनके ब्लॉग पर ढेर सारा ट्रैफिक आने लगेगा।
कुछ समय बाद उन्हें पता चलता है कि सोशल मीडिया पर जो उनके दोस्त हैं वह खुद भी उनके ब्लॉग को सब्सक्राइब नहीं कर रहे हैं। इस स्थिति में डिप्रेशन में जाने की जरूरत नहीं है। बस एक सच स्वीकार करने की जरूरत है। सरल शब्दों में समझिए: यह एक स्नूकर जैसा खेल है। लोग इसे फुटबॉल की तरह खेलने की कोशिश करते हैं। आप बस लिखते जाइए और google search console की साप्ताहिक समीक्षा कीजिए।
एक दिन ऐसा आएगा जब google बाबा आपको बताएंगे कि आपमें ऐसा क्या है जो दुनिया में किसी के पास नहीं है। बस वहीं से शुरूआत कीजिए। ट्रैफिक अपने आप बढ़ जाएगा। जिस दिन आपको सफलता का मार्ग दिखाई देने लगे। मेरे नाम पर किसी छोटे से प्राइवेट स्कूल के निर्धन छात्र को उनका मनपसंद भोजन करा दीजिएगा।