भोपाल। एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर खाता साफ करने के सबसे ज्यादा मामले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में ही आए हैं। एसबीआई के खाताधारकों की संख्या ज्यादा है शायद इसलिए या फिर एसबीआई के अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते, जालसाजों के लिए यह फायदेमंद है शायद इसलिए। परंतु अब एक तकनीक भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारकों की रक्षा करेगी।
रात 8 बजे के बाद पैसा निकाला तो ओटीपी दर्ज करना होगा
अब आप एसबीआई डेबिट कार्ड के जरिए एटीएम से पैसा निकालते हैं तो ओटीपी डालना होगा। यह ओटीपी पैसा निकालने के दौरान बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर में आएगा। हालांकि, यह व्यवस्था रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक सिर्फ 10 हजार या इससे ज्यादा की निकासी पर लागू होगी। एसबीआई के अफसरों ने बताया कि डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर पैसे निकालने की घटनाएं व अन्य तरह के धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद यह व्यवस्था लागू की जा रही है। यह उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए है। इससे उनका पैसा सुरक्षित होगा। जिन उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर बैंक में पंजीकृत नहीं है, उन्हें नंबर पंजीकृत कराना चाहिए।
कब आएगा ओटीपी, कैसे दर्ज करेंगे
अधिकारियों ने बताया कि ग्राहक द्वारा राशि दर्ज करने के बाद वहीं पर ओटीपी डालने का ऑपशन आएगा। ओटीपी सॉफ्टवेयर द्वारा बनाया जाएगा, जो ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आएगा। यह केवल एक लेनदेन के लिए मान्य होगा। तय समय के बाद यह स्वतः ही निष्क्रिय हो जाएगा। ओटीपी में अंक और अंग्रेजी के अक्षर दोनों होंगे।
सुरक्षा सिस्टम में एक खामी भी है
अधिकारियों ने यह भी साफ किया है कि एसबीआई के डेबिट कार्ड से कोई उपभोक्ता दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालता है तो ओटीपी की जरूरत नहीं होगी। इसी तरह से ग्राहक यदि दूसरे बैंक के डेबिट कार्ड के जरिए एसबीआई एटीएम से पैसा निकालता है तो ओटीपी नहीं लगेगा। इसकी वजह यह कि नेशनल फाइनेंसियल स्विच (एनएफएस) में इस तरह की व्यवस्था विकसित नहीं हो पाई है। एसबीआई ने साफ किया है कि ओटीपी के अलावा बैंक से पैसे की निकासी के बारे में अन्य कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।