जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर विनोद सेमवाल एवं पूर्व आईएएस गौरी सिंह के नाम वारंट जारी किए हैं। दोनों के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला प्रस्तुत हुआ था। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर अवमानना की याचिका पर सुनवाई के बाद दोनों आईएएस अफसरों के नाम वारंट जारी कर उन्हें तलब करने का आदेश दिया है। बता दें कि गौरी सिंह आईएएस ने हाल ही में वीआरएस ले लिया है।
पंचायत विभाग में प्रतिनियुक्त पर कार्यरत आरके मालवीय, आर तिवारी, महेश कटारे, प्रदीप उपासे की ओर से दायर इस अवमानना मामले में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति राज्य तिलहन संघ में हुई थी। घाटे के कारण प्रदेश सरकार ने संघ को बंद कर दिया था और कर्मचारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया। याचिकाकर्ताओं को प्रतिनियुक्ति पर पंचायत विभाग में पदस्थ किया गया था। प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मचारियों को पांचवे व छठवें वेतनमान का लाभ न दिए जाने पर पूर्व में एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने उन्हें पांचवा व छठवां वेतनमान सभी अन्य लाभ दिये जाने के आदेश जारी किये थे। आदेश के बावजूद भी सरकार द्वारा एरियर्स का भुगतान न किए जाने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार चौरसिया ने आदेश के पालन के लिए अनावेदकों द्वारा लगातार समय लिए जाने पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि अदालत ने पिछली सुनवाई के बाद चेतावनी दी थी कि आदेश का पालन न होने पर अनावेदकों के खिलाफ वारंट जारी किया जायेगा। चेतावनी के बाद भी प्रमुख सचिव गौरी सिंह तथा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव विनोद सेमवाल ने आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए।