भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही कम से कम 10,000 संविदा कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया को बहुत ही तेजी से पूरा किया जाएगा। दरअसल मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक 10,000 से अधिक नियमित कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। यह संख्या इतनी बड़ी है कि यदि इनके स्थान पर नई नियुक्तियां नहीं की गई तो सरकारी काम ठप पड़ जाएगा।
संविदा विरोधी कमलनाथ संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों करना चाहते हैं
विधानसभा चुनाव के दौरान संविदा एवं अतिथि की व्यवस्था को अन्याय पूर्ण बताने वाले कमलनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद पलट गए हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में संविदा और अतिथि की व्यवस्था को खत्म करने का ऐलान किया था लेकिन अब खुद ही मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों की सबसे बड़ी नियुक्ति करने जा रहे हैं।
सरकार का खजाना खाली है वेतन देने को पैसा नहीं
कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार का खजाना खाली है। सरकार ₹200000 से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। कर्ज और उसका ब्याज चुकाने के लिए सरकार जनता पर मनमानी टैक्स थोप रही है। इसके बावजूद सरकार के पास नियमित कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है। यह कारण बताते हुए कमलनाथ सरकार संविदा नियुक्ति की प्लानिंग कर रही है।