शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की करैरा तहसील के फतेहपुर गांव में वनविभाग की टीम ने एक दलित व्यक्ति का एनकाउंटर कर दिया। रेंजर ने दलित पर फायरिंग के लिए आदेश दिए और साथी अधिकारी/कर्मचारियों ने फायरिंग की। इसमें एक दलित युवक की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल है। करैरा थाने पर दिनभर चलजे हंगामे के बाद पुलिस ने वनविभाग के सभी 14 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ हत्या व हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
एफआईआर में दर्ज कहानी इस प्रकार है
करैरा थाने में मृतक मदन बाल्मिक की पत्नी सरोज ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह अपनी चचिया सास ममता व अपनी दोनों बेटी काजल व नंदनी के साथ रविवार की दोपहर ढ़ाई बजे वन चौकी के पास लगे हेड पम्प पर पानी भरने गई थी। उसी समय रेंजर एसके सुरेश शर्मा पानी की बोतल लेकर हेड पम्प पर आया। जहां काजल द्वारा बर्तन धोने के दौरान रेंजर पर पानी उझल गया। इसी बात को लेकर वह गालियां देने लगे। जब उसकी चचिया सास ममता ने रेंजर को गाली देने से रोका तो एक महिला वनकर्मी वहां आई और उसने ममता और उसको पकड़कर चांटे मार दिए और बाल खींचकर उन्हें भगा दिया।
रेंजर ने गोली चलाने का आदेश दिया, फिर फायरिंग हो गई
इसी दौरान उसकी पुत्री काजल घर गई। जिसने अपने पिता मदन और चाचा पंकज को घटना के बारे में बताया। यह सुनकर वह दोनों मौके पर पहुंचे तो डिप्टी रेंजर राठौर, रवि शर्मा व अन्य वनकर्मियों ने बंदूक की बटों और डंडों से उनकी मारपीट कर दी। जिनसे बचने के लिए मदन और पंकज छूटकर भागे। दर्ज एफआईआर के अनुसार वन विभाग के अधिकारियों ने दोनों का पीछा किया। इसी दौरान रैंजर एसके सुरेश शर्मा ने गोली चलाने का आदेश दिया और आदेश मिलते ही स्वयं रैंजर और मुकेश बाथम व रवि बाथम ने बंदूकों से फायर कर दिए। जिनमें से एक गोली उसके पति मदन बाल्मिक की पीठ में लगी और वह आर पार हो गई। जबकि दूसरी गोली से निकले छर्रे उसके देवर पंकज बाल्मिक को लगे और दोनों घायल हो गए।
करैरा थाने में हुआ हंगामा, 14 कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज
सत्यभान सिंह परमार उसका चचिया ससुर सुमंत बाल्मिक लक्ष्मी नारायण बाल्मिक, भानू बाल्मिक और देवेंद्र रावत बुलेरो गाड़ी से अस्पताल ले जाने के लिए निकले। जब वह गधाई रामनगर गांव के पास पहुंचे। तभी उसके पति मदन ने दम तोड़ दिया। वहीं देवर पंकज को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने करैरा थाने में जमकर हंगामा किया। इस हंगामे के बाद पुलिस ने आरोपी रैंजर एसके सुरेश शर्मा, डिप्टी रैंजर राठौर, एक अज्ञात वनकर्मी महिला, रवि शर्मा, रवि बाथम, मुकेश बाथम, रामेश्वर रावत, नंदराम जाटव, गणेश गौतम, सरदार परघट सिंह सहित अन्य चार लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 302, 307, 323, 294, 147, 148, 149, 3(2)(बी) एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। सभी आरोपी वनविभाग के कर्मचारी बताए जाते हैं।