किसानों को 15-15 लाख रुपये देने जा रही है नरेंद्र मोदी सरकार, लेकिन एक शर्त है

नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि हमारी सरकार बनी तो हम विदेशी बैंकों में जमा भारत का काला धन वापस लाएंगे और हर आदमी के खाते में 15-15 लाख रुपए जमा होंगे। वह तो एक चुनावी जुमला था परंतु अब नरेंद्र मोदी सरकार इसी चुनावी जुमले को साकार करने जा रही है। सरकार ने एक योजना बनाई है जिसके तहत किसानों को 1500000 रुपए दिए जाएंगे। 

10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने को मंजूरी

इस योजना का लाभ उठाने के लिए लिए किसानों को एक कंपनी बनानी होगी यानी किसान उत्‍पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organisation) बनाना होगा। सरकार ने 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी दे दी है। अगले 5 साल में इस पर 4,496 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा, इसलिए इसमें वही सारे फायदे मिलेंगे जो एक कंपनी को मिलते हैं। यह संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिल्कुल अलग होंगे यानी इन कंपनियों पर कॉपरेटिव एक्ट नहीं लागू होगा।

किसान उत्पादक संगठन से किसानों को क्या फायदा होगा

एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक समूह होगा, जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी। अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि बारगेनिंग कलेक्टिव होगी।

किसानों को 15 लाख रुपये कैसे मिलेंगे

राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य विनोद आनंद ने बताया कि सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने एफपीओ बनाने के लिए जाने माने अर्थशास्त्री डॉ वाईके अलघ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। इसके तहत कम से 11 किसान संगठित होकर अपनी एग्रीकल्चर कंपनी या संगठन बना सकते हैं। मोदी सरकार जो 15 लाख रुपये देने की बात कर रही है उसका फायदा कंपनी का काम देखकर तीन साल में दिया जाएगा।

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