जबलपुर। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को एक और झटका लगने वाला है। पिछड़ा वर्ग को वोटबैंक बनाने के लिए कमलनाथ ने 27% आरक्षण का ना केवल ऐलान किया था बल्कि फटाफट इसे लागू भी कर दिया परंतु अब कमलनाथ का 27% आरक्षण हाईकोर्ट में अटक गया है और पिछड़ा वर्ग उनसे नाराज है। इधर हाईकोर्ट में आने वाली भर्ती में भी ओबीसी को 27% प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल पाएगा।
पत्रकार श्री प्रतीक अवस्थी की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण ना देने के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट में आज हाईकोर्ट प्रशासन ने अपना जवाब पेश किया। इसमें हाईकोर्ट प्रशासन ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट प्रशासन के जवाब में कहीं ना कहीं राज्य सरकार को एक बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। प्रशासन ने अपने जवाब में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। इसलिए हाईकोर्ट की भर्ती प्रक्रिया में भी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण नहीं
हाईकोर्ट प्रशासन ने अपने जवाब में कहा अगर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है तो ये कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगा। हाईकोर्ट प्रशासन के आज बुधवार को दिए इस जवाब पर जबलपुर हाई कोर्ट में कल गुरुवार को सुनवाई होगी।
27 फीसदी आरक्षण पर संकट
हाईकोर्ट में भर्ती प्रक्रिया में 27 प्रतिशत आरक्षण ना देने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उसमें कहा गया कि जब मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बना दिया है तो हाईकोर्ट प्रशासन इस कानून का पालन आखिरकार क्यों नहीं कर रहा है। हाईकोर्ट प्रशासन ने इसका जवाब आज कोर्ट में दिया। इस जवाब से इतना तो साफ हो गया है कि एमपी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मूड में हाईकोर्ट प्रशासन नहीं है। इस जवाब से राज्य सरकार को भी सतर्क रहने की जरूरत है।