भोपाल। मप्र सरकार ने अपने वचन पत्र में अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को शामिल किया है। प्रदेश के कद्दावर मंत्री श्रीमान पीसी शर्मा ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वचन पत्र के पालन में एनपीएस के स्थान पर ओपीएस लागू की जाएगी। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांताध्यक्ष श्री प्रमोद तिवारी एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि अंशदायी पेंशन योजना में सरकार को अपना अंशदान दस फीसदी जमा करना अनिवार्य है केंद्र सरकार ने पिछले बजट में इसे बढ़ाकर चौदह फीसदी कर दिया है यह भी प्रदेश सरकार पर दबाव रहेगा।
"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" का मत है कि प्रतिमाह करोड़ों रूपये अंशदान जमा कराने से शासन पर अतिरिक्त आर्थिक भार आता है। अतः इसे भूतलक्षी प्रभाव से अपास्त कर पुरानी पेंशन योजना में बदला जावे। "अब तक का जमा" अरबों रूपयों का सरकारी अंशदान वापस सरकार को प्राप्त होगा जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वहीं कर्मचारियों के अंशदान को सामान्य भविष्य निधि में तब्दील कर दिया जावे यह भी सरकार के अधीन रहने से; "सरकार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वचन पत्र का पालन होगा व कर्मचारियों की लंबित मांग पूर्ण होने से" यह वर्ग भी आल्हादित होगा सभी ओर बूम बूम होगा।
तिहरे फायदे की योजना तत्काल प्रभाव से लागू की जावे। आशा है प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ जी एवं मंत्रीमंडल इस पर गंभीरतापूर्वक विचार कर शासन एवं कर्मचारी हीत में शीघ्र निर्णय लेंगे । इससे कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित होगा जो सरकार की बड़ी सामाजिक जवाबदेही पूर्ण होगी।