भोपाल। मध्य प्रदेश में केवल परिवहन विभाग ही ऐसा विभाग है जिसमें कभी हड़ताल नहीं होती। यह अकेला ऐसा विभाग है जो छुट्टी के दिन भी काम करता है। यह अकेला ऐसा विभाग है जिसमें ऑफिस टाइम क्लोजिंग के बाद भी ऑफिस खुला रहता है, लेकिन अब इस विभाग के अधिकारी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि उनकी कुर्सी खतरे में है। कमलनाथ सरकार ने परिवहन निरीक्षक का पद विलोपित करने की तैयारी कर ली है। परिवहन निरीक्षक के पद पर प्रभारी के तौर पर काम कर रहे अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपना प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो 15 मार्च से सभी अधिकारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
क्यों लामबंद हुए मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारी
परिवहन आयुक्त को दिए ज्ञापन में बताया कि प्रस्ताव में कहा गया है कि पदोन्नति ना होने के कारण कई वर्षों से परिवहन निरीक्षक एक ही पद पर पदस्थ हैं। इनकी पदोन्नति में लंबा समय लगता है। विभागीय भर्ती नियम में संशोधन करते हुए परिवहन निरीक्षक का पद विलोपित करने और परिवहन निरीक्षकों का पदनाम सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं सहायक परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) एवं सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (तकनीकी) करते हुए राजपत्रित दर्जा दिए जाना प्रस्तावित है। प्रभारी आरटीओ का तर्क है कि परिवहन विभाग में परिवहन निरीक्षकों से सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के रुप में पदोन्नति की व्यवस्था पहले से मौजूद है। इसी व्यवस्था के तहत पदोन्नति लेने वाले वर्तमान में संभागीय उपपरिवहन आयुक्त, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। संशोधित प्रस्ताव विधि सम्मत नहीं है।
15 मार्च से काम बंद कर देंगे परिवहन विभाग के अधिकारी
जबलपुर आरटीओ संतोष पॉल, जितेन्द्र रघुवंशी, विक्रम सिंह राठौर, जगदीश सिंह, मधु सिंह ने ने बताया कि मोटर यान अधनियम के तहत अधिकारियों की पद संरचना मांग करते हैं। यदि यह प्रस्ताव 14 मार्च तक वापस नहीं लिया जाता है तो समस्त सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी 15 मार्च 2020 से सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए बाध्य होंगे।