वचन जरूर निभाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे: क्या 5 साल तक धरने पर बैठे रहें श्रीमान! | KHULA KHAT

Bhopal Samachar
म.प्र की कांग्रेसनीत सरकार अपनी सारी संवेदनाये खो चुकी है प्रदेश में 50 दिन से अधिक समय से भयंकर सर्दी व खराब मौसम के बीच अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वान भोपाल की धरती पर खुले आसमान के नीचे बैठे है परंतु 90 दिन के भीतर इनके नियमितिकरण की नीति बनाने का वचन देने वाली कांग्रेस सरकार व उसके मुखिया मौन है यहां तक कि जिम्मेदारी लेने वाले व जुबान के पक्के कहलाने वाले दिग्विजय सिंह जी भी चुप है जबकि उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंहजी अतिथि शिक्षकों की पीड़ा माननीय राज्यपाल महोदय जी तक पहुंचाने मे सहयोग कर चुके है। 

अपनी कथनी के धनी कहलाने वाले कमलनाथ जी जो वचन के पक्के कहलाते है वे भी 1 वर्ष से ज्यादा समय से अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, संविदाकर्मियों की बहाली व नियमितिकरण को अनदेखा कर रहें है वही पीसी शर्मा जी जिनको भाजपा शासन मे कर्मचारियों का दुख दिखाई देता था वे भी कर्मचारियों को प्राण जाई पर वचन न जाई का आश्वासन देकर वचनों को जल्द अमल मे लाने के प्रति सक्रीय दिखाई नही देते है प्रदेश मे अनेकों घटनायें हो चुकी है जहॉं अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वान नौकरी जाने या आर्थिक परेशानी या मानसिक तनाव से आत्महत्या कर रहे है परंतु 90 दिन मे नियमित करने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार अब वचन पूरा करने के लिए 5 साल का समय मॉंग रहीं है। 

प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 साल मे पटरी पर लाने का दम भरने वाली ये सरकार 1 वर्ष बाद भी खाली खजाने का रोना रो रही है जो अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, निष्कासित संविदाकर्मी भूखे मर रहे है क्या वे 5 साल तक वचन पूरे होने का इंतजार कर पायेंगे और अगर सरकार को 5 साल ही चाहिए थे वचन पूरा करने तो फिर 90 दिन की बात अपने वचन पत्र मे क्योंकि इस सरकार के लोग जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंहजी को घोषणावीर कहते नहीं थकते थे क्या वे शिवराज सिंह के शुरू के पहले 1 साल के कार्यकाल और अपने कार्यकाल का आंकलन कर पायेंगे। 

माननीय सिंधिया जी भी अतिथिशिक्षकों को 5 साल का इंतजार करने को कह रहे है वर्षों की पीढ़ा ने भोपाल मे इन अतिथि शिक्षकों एवं विद्वानों को लंबे समय से आंदोलन के लिए सक्रीय रखा है। अगर ये आंदोलन इस बार विफल हो गया तो ये सरकार जो 90 दिन का कहकर 1 साल मे कुछ न कर पायी वह 5 साल बाद क्या करेगी आप कल्पना कर सकते है। वही ये सरकार पिछले साल कार्य करने वाले अतिथिशिक्षकों को अतिथि शिक्षक बनने के लिए 25 अंक बोनस देना ही बड़ी उपलब्धि मान रही है। जिसका बखान करते मंत्री नही थकते। 

1 साल से ज्यादा समय से म.प्र.राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संविदाकर्मी अपनी सेवा बहाली का इंतजार कर रहे है। इसे कहते है अपना वचन निभायेंगे पर तारीख नहीं बतायेंगे
जनता पूछे पता नही कब वो दिन आयेगें।
आशीष कुमार बिरथरिया
उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र

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