इंदौर। मनावर के खरिकिया गांव में बच्चा चोरी के शक में 6 किसानों पर भीड़ के हमले मामले में पुलिस की स्पेशल टीम ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। टीआई युवराज सिंह चौहान, एसआई और तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। हमले में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज इंदौर के चोइथराम अस्पताल में चल रहा है।
गुरुवार सुबह घायलों से मिलने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस घटना को मानवता को शर्मसार करने वाली बताया। उन्होंने कहा कि घायलों का इलाज प्रदेश सरकार करवाएगी। मंत्री ने मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा भी की। स्वास्थ्य मंत्री ने घायलों से मिलने के बाद कहा कि ऐसी घटनाएं बहुत ही दुखद हैं। पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वीडियाे के आधार पर 40 से ज्यादा लोगों को चिह्नित किया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। घायलों का इलाज सरकार करवाएगी। वहीं गुरुवार को उज्जैन जिले के लिंबी पिपलिया गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि मामले में सरपंच और भाजपा नेता रमेश जूनापानी, सत्या पिता तसल्लया, गलिया पिता भूरा निवासी भूतिया सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि हादसे के वक्त भाजपा सरपंच वहां उपस्थित थे और उन्होंने भीड़ को भड़काने का काम किया। डीजीपी वीके सिंह ने कहा कि मनावर घटना में टीआई, सब इंस्पेक्टर समेत 4 लोगों को लाइन अटैच कर दिया गया है। वीडियाे में दिखाई दे रहे पुलिसकर्मियों की यदि लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
यह हुआ
उज्जैन जिले के लिंबी पिपलिया गांव के पांच खेत मालिकों ने खड़किया के कुछ लोगों को मजदूरी के लिए रखा था। इसके एवज में 50 हजार रुपए एडवांस भी दिए थे। कुछ दिन मजदूरी करने के बाद ये लोग भाग गए। इसी राशि को लेने के लिए खेत मालिक दो कारों में सवार होकर बुधवार सुबह खड़किया पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने पत्थरों से उन पर हमला कर दिया। वे जान बचाकर मनावर के बोरलाय गांव पहुंचे तो खड़किया के लोगों ने फोन कर अफवाह फैला दी कि वे बच्चा चोरी कर भागे हैं। हाट बाजार होने से बरलाय में काफी भीड़ थी। उन्होंने किसानों की गाड़ियां देखते ही लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया। 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने बेरहमी से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। किसी ने भी मदद नहीं की। लोग वीडियो बनाते रहे। इतना ही नहीं, गुस्साई भीड़ ने दोनों कारों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आसूं गैस के गोले दागने पड़े।
एक कार के चालक गणेश पिता मनोज पटेल को गंभीर हालत में बड़वानी रैफर किया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जगदीश राधेश्याम शर्मा (45), नरेंद्र सुंदरलाल शर्मा (42), विनोद तुलसीराम मुकाती (43), रवि पिता शंकरलाल पटेल (38) को इंदौर लाया गया है। इनमें से रवि की हालत गंभीर है। धार के एसपी आदित्यप्रताप सिंह के अनुसार, तीन आरोपियों अवतार पिता गुलाब सिंह, भुवन सिंह, जाम सिंह पिता पुंजिया की पहचान हो चुकी है। वायरल वीडियो के आधार पर भी पहचान की जा रही है।