भोपाल। भोपाल में चल रहे अतिथि शिक्षकों के सत्याग्रह का 64 वा दिन शाहजहानी पार्क में जारी है। अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने बताया कि आतिथी शिक्षकों को सत्याग्रह करते हुए लगभग 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। अतिथि शिक्षक सरकार के साथ बात कर रास्ता निकालने के लिए तैयार हैं और अतिथि शिक्षक चाहते हैं कि उनके मांगों का निराकरण जल्द से जल्द किया जाए क्योंकि उनकी जो मांग है अनार्थिक है।
ये है रास्ते
1. काम से बाहर कर दिए गये कार्यानुभवी अतिथि शिक्षकों को पुनः काम पर लाया जाये :- अतिथि शिक्षकों के लिए सर्वप्रथम नया स्कोर कार्ड जनरेट करवाए जाये़ं।जिसमें अनुभव का अंक (5 या 10 अंक प्रति सत्र या प्रति सत्र के समान कार्यदिवस जो शासन निर्धारित करे) प्रतिवर्ष लाभ मिलना चाहिए, उसी के आधार पर वरिष्ठता का क्रम बनाते हुए नियुक्ति दी जाये। जिससे वर्षों से कार्यानुभवी अतिथि शिक्षकों को रोजगार प्राप्त हो जाए। क्योंकि 80% अतिथि शिक्षक 2019-20 में काम से अलग हो चुके हैं। इस तरह की भर्ती अप्रैल के महीने में ही होनी चाहिए। जो अतिथि शिक्षक अप्रैल में नियुक्त हो जायें, उन्हें शासन द्वारा निर्धारित सेवाकाल तक रोजगार से अलग नहीं किया जाये। इसी दौरान नियमितीकरण की कार्यवाही पूरी कर ली जाये। अनुभव का लाभ केवल उसी वर्ग में दिया जाये, जिस वर्ग में अतिथि शिक्षक ने अधिक समय तक कार्य किया हो।
2. माध्यमिक शालाओं के पदों को अनलॉक किया जाये :- माध्यमिक शालाओं में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत एवं हिन्दी विषय को अनलॉक करते हुए उनके विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति दी जाये |
3. अतिथि शिक्षकों के पद को निरंक या रिक्त न माना जाये :- अतिथि शिक्षकों के पद को निरंक या रिक्त नहीं मानते हुए शासन द्वारा निर्धारित सेवाकाल तक सतत् सेवा में बनाए रखा जाये।
4. वचन पत्र का पालन तत्कालीन किया जाये :- वचन पत्र को महान शास्त्र के रूप में स्थापित किये जाने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की नीति तैयार कर राजपत्र में प्रकाशित करते हुए जल्द से जल्द लागू किया जाये।
5. अतिथि शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ दिया जाये :- कार्यनुभावी अतिथि शिक्षकों को कार्यरत वर्ष या कार्यदिवस (जो भी उचित हो ) के आधार पर वरिष्ठता देकर *नियमित* करने शिक्षक भर्ती नियम शिथिल किया जाये। अतिथि शिक्षकों को शासन स्तर से प्रशिक्षित कराने हेतु अवसर एवं संसाधन- सुविधा प्रदान किया जाये।
6: पूर्व से संचालित शालाओं को बंद या मर्ज नहीं विकसित किया जाये।
उपरोक्तानुसार मापदंड तय कर ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाये,कि अब तक अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा दे चुके या सेवा देते आ रहे सभी अतिथि शिक्षकों को शिक्षक के रूप में सम्मानजनक रोजगार प्राप्त हो जाये। जिससे जीवन और परिवार के भरण पोषण के साथ सम्मान जनक जीवनयापन किया जा सके।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री पंकज सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सत्याग्रह स्थल पर आकर अतिथि शिक्षकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा अतिथि शिक्षकों के हित में आम आदमी पार्टी फर्श से अर्श तक की लड़ाई लड़ेंगे। सत्याग्रह के 65 वे दिन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आयुषी तिवारी ने सत्याग्रह का नेतृत्व किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष मयूरी चौरसिया ने मध्यप्रदेश सरकार को चेतावनी दी है यदि सरकार ने शीघ्र अतिथि शिक्षकों के हित में निर्णय नहीं लिया तो विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस पार्टी का खुला विरोध करेंगे।