सत्याग्रही अतिथि शिक्षक अब आर पार के मूड में | ATITHI SHIKSHAK NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को सत्याग्रह आंदोलन करते हुए आज लगभग 2 महीने से अधिक हो गए हैं । बावजूद इसके सरकार जानबूझकर अनजान सी बनी हुई है।अतिथि शिक्षकों के द्वारा सरकार का ध्यान चाहने के लिए हर संभव प्रयास किया जा चुका है। अतिथि शिक्षकों ने शांतिपूर्वक आमरण अनशन व क्रमिक अनशन करके सरकार की रीति और नीतियों का सांकेतिक विरोध भी जता कर उसे अपनी मांग मनवाने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।इससे अब अतिथि शिक्षकों में रोष बढ़ता जा रहा है ।सत्याग्रही अतिथि शिक्षक आक्रोशित होकर आर या पार का संघर्ष करने के मूड में आ चुके हैं।

जन सत्याग्रह के अड़सठवें दिन सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों ने निर्णय लिया है,कि राजधानी के व्यस्ततम चौक चौराहों तक पहुंच कर नुचक्कड़ नाटक के माध्यम से अपनी ओर प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को जर्जर किये जाने की व्यथा बताकर इस संबंध में छपवाये गये पर्चा भी घर घर पहुंचकर बांटेंगे।पर्चों में गरीब मध्यम की शिक्षा का सबसे बड़ा साधन सरकारी स्कूलों को धीरे धीरे खत्म किते जाने की सरकारी साजिश के बारे में बताया जायेगा।

समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने बताया है,कि अब शिक्षा विभाग से संबंधित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री के बंगलों के सामने सत्याग्रही नुक्कड़ दल पहुंचकर नुक्कड़ सभा करेंगे,और अपनी मांगें मान जाने की बात करना चाहेंगे।संगठन के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने जानकारी दी है,कि मार्च 2020 में होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान अतिथि शिक्षकों को नियमित करने पर आने वाले अर्थभार को बजट में सामिल करने की मांग भी करेंगे।इसके लिए मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र के अलावा हाल ही में अलग से  ज्ञापन दिया जायेगा।

संगठन के संयोजक नवीन शर्मा ने बताया है,कि प्रदेश में जहां जहां पर भी सरकार के जनप्रतिनिधियों या मंत्रियों की जनसभा होती है,अतिथि शिक्षक पहुंचकर अपनी बात प्रमुखता से रखते हुए घेरने का काम करेंगे।आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय आंदोलन भी खड़ा किया जायेगा।

संगठन की महिला प्रदेश अध्यक्ष अनिता हरचंदानी ने कहा है,कि सरकार हमारी बात बहुत जल्द नहीं सुनती है,तो आने वाले होली का पर्व मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंच कर मनाई जायेगी।
संगठन के सदस्य अजय तिवारी ने बताया है,कि सरकार भाई भतीजों को नौकरी देने की फिराक में है।जिसके चलते अतिथि शिक्षकों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

वालेंटियर अध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने कहा है,कि अब किसी भी स्थिति में सत्याग्रह को बिना निर्णय के वापस नहीं लिया जायेगा।भले ही वर्षों तक मैदान नहीं छोड़ना पड़े।

संगठन के प्रवक्ता जगदीश शास्त्री ने कहा है,कि बजट सत्र में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर आर्थिक व्यवस्था बजट में सामिल कराते जाने की कार्यवाही सोमवार 2 मार्च को मुख्यमंत्री आवास और मंत्रालय पहुंचकर पूरा कर लिया  जायेगा।

अड़सठवें दिन भी नेतृत्व करने वालों में से अनवार अहमद कुरैशी,प्रीति चौबे,चंदा बी,सर्जन सिंह शिल्पकार,गौरव राठौर, शालिनी तिवारी,फहीम सरफरोश सामिल रहे।

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