भोपाल। सूबे के सरकारी कॉलेजों में पिछले दो दशक से अधिक समय से अध्यापन कार्य करने वाले अतिथिविद्वान सरकार से कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र अनुसार अपने नियमितीकरण की मांग करते पिछले 79 दिनों से राजधानी भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरना एवं आंदोलन कर रहे हैं।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार अतिथिविद्वानों के इस आंदोलन ने हममें नई शक्ति एवं ऊर्जा का संचार किया है। हमने केवल वही मुद्दे एवं मांगें उठाई हैं जिसका वादा स्वयं कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों के पूर्व किया था। हमने कोई नई मांग नही जोड़ी है। इसमे अलावा हमसे जितना हो सकता था माननीय मुख्यमंत्रीजी, उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारी आयोग को सभी आवश्यक दस्तावेज एवं न्यायलयीन आदेशों की कॉपी सौपी है जो अतिथिविद्वान नियमितीकरण में उपयोगी हो सकती है।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चे के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने बताया कि हमने आंदोलन की एक नई रूपरेखा तैयार की है। क्योंकि कार्यरत अतिथि विद्वानों को महाविद्यालय के प्राचार्यों द्वारा लगातार परेशान भी किया जा रहा है। यहां तक कि सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी अथिविद्वानों से पदों को बढ़ाने का वादा कर रहे है। वहीं जब कालेजों से पदों को बढ़ाये जाने हेतु आवेदन किया जाता है तो स्पष्टतः उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मना कर दिया जाता है। इस संबंध में विभाग द्वारा हाल ही में एक पत्र जारी किया गया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जो विभागीय मंत्री जीतू पटवारी लगातार मीडिया में बयान दे रहे हैं कि कोई भी अतिथिविद्वान बाहर नही किया जाएगा एवं नए पदों का श्रजन किया जाएगा वह केवल मीडिया जगत, अतिथिविद्वानों एवं आमजन को भ्रमित करने के उद्देश्य से बयान दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आयुक्त उच्च शिक्षा के कार्यालय से पत्र जारी कर कालेजों के प्राचार्यों को नए पद सृजित करने के मामले में असमर्थता जताई गई है। इससे स्पष्ट है कि अब तक जो भी मंत्रीजी द्वारा कहा गया वह केवल तुष्टिकरण की राजनीति से आधिक और कुछ नही है।