भोपाल। विगत 80 दिनों से राजधानी भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में चल रहे अतिथिविद्वानों के आंदोलन ने एक नया मोड़ ले लिया है। विदित हो कि विगत दिवस कांग्रेस सरकार से आने नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथिविद्वानों के आंदोलनरत पंडाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह क्षेत्र छिन्दवाड़ा की मुस्लिम महिला अतिथिविद्वान डॉ शाहीन खान ने सरकार द्वारा नियमितीकरण में की जा रही अनावश्यक देरी एवं सरकारी उदासीनता के विरोध में अपने केश त्याग दिये थे।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह क्षेत्र की एक उच्च शिक्षित मुस्लिम महिला अतिथिविद्वान बहन डॉ शाहीन खान द्वारा केश त्यागने की घटना कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तक पहुँच गई है। मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार नेशनल स्टूडेंट प्रोटेक्शन राइट्स (NSPR) के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता आमिर अल्वी ने मुख्यमंत्री के गृह जिले की एक मुस्लिम महिला द्वारा कांग्रेस सरकार की अतिथिविद्वान विरोधी नीति के खिलाफ करवाये गए मुंडन के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम का ज्ञापन कांग्रेस महासचिव व सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल को सौंपा है। जिसमे कमलनाथ सरकार द्वारा वचनपत्र में अतिथिविद्वान नियमितिकरण का वादा करने के बाद भी अब तक कोई कारगर कदम न उठाये जाने की जानकारी दी गई है।
दीपक बाबरिया ने कहा धैर्य रखें अतिथिविद्वान, नियमितीकरण अवश्य होगा
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता एवं नेशनल स्टूडेंट्स प्रोटेक्शन राइट्स (NSPR) के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता आमिर अल्वी ने अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से मुलाकात कर अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार की हो रही किरकिरी के संबंध में बात करते हुए अतिथिविद्वानों का मुद्दा उठाया। जिस पर दीपक बाबरिया जी द्वारा कहा गया कि अतिथिविद्वान धैर्य रखें। यह मुद्दा हमारे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के संज्ञान में हैं। पार्टी द्वारा यदि वचन दिया गया है तो उसे अवश्य पूरा किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भी प्रदेश सरकार को अतिथिविद्वानों की मांगों को जल्द पूरा करने व इस विषय की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अध्यापन कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों का मुद्दा इस समय सभी अखबारों व न्यूज़ चैनलों की सुर्खियां बटोर रहा है। कमलनाथ सरकार द्वारा वचन देने के बावजूद अब तक इस ओर कोई कार्य न किये जाने से प्रदेश सरकार की हर जगह किरकिरी हो रही है। विपक्ष में अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर विधानसभा का शीतकालीन सत्र चलने नही दिया था। जबकि आगामी बजट सत्र में भी बीजेपी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ सरकार व मंत्री जीतू पटवारी हर क्षेत्र में हो रही सरकार की किरकिरी से बचने के लिए कब अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की घोषणा करते है।