भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नेशनल पार्क ' वन विहार' में अब जंगल का राजा शेर आ गया है। वन विभाग ने इसे सत्या नाम दिया है। यानी अब बच्चों को बाघ और तेंदुए के अलावा जंगल के राजा शेर के दर्शन भी कराए जा सकते हैं। बच्चे ध्यान से देख सकते हैं कि जंगल का राजा शेर जंगल में कैसा दिखाई देता है।
रामू की मौत के बाद से शेर का बाड़ा खाली पड़ा था
नेशनल पार्क प्रबंधन ने शनिवार सुबह 11.14 बजे सत्या (शेर) को डिस्प्ले बाड़े में शिफ्ट कर दिया है। यह बाड़ा पार्क में बोट क्लब की तरफ से प्रवेश करने पर बायसन बाड़े के बाद में पड़ता है, जो मुख्य सड़क से लगा हुआ है। इस सड़क से गुजरते वक्त पर्यटक आसानी से सिंह को देख सकेंगे। पहले दिन सैकड़ों पर्यटकों ने सिंह को देखा है। बीते पांच साल से डिस्प्ले बाड़े में सिंह नहीं थे। सिंह रामू की मौत के बाद पहली बार दूसरे सिंह को शिफ्ट किया है।
शेर के साथ बिलासपुर के जंगल से शेरनी भी आई है
बता दें कि 16 जनवरी 2020 को बिलासपुर के कानन पेंडारी चिड़ियाघर से दो सिंह वन विहार नेशनल पार्क लाए गए हैं। इनमें नर सिंह सत्या व मादा सिंह नंदी शामिल हैं। दोनों की उम्र चार साल है। ये एक ही मां की संतान हैं। दोनों को 23 दिन तक आब्जर्वेशन में रखा गया था। फिर स्वास्थ्य जांच कराई गई। दोनों फिट पाए गए हैं। इनमें से नर सिंह सत्या को शनिवार को डिस्प्ले बाड़े में शिफ्ट कर दिया है। इसके पहले क्वारेंटाइन में रखा जा रहा था। मादा सिंह नंदी को भी जल्द बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा।
पिंजरा खोलते ही लगाई छलांग
सिंह सत्या का पिंजरा जैसे ही बाड़े में खोला गया, उसने छलांग लगा दी। उसकी देखरेख करने वाले डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि वह काफी समय तक बाड़े में बिना रुके टहलता रहा। दोपहर में वह धूप में बैठा दिखा। इस बीच वह कई बार बाड़े के अंदर हाउसिंग में भी गया। डॉ. गुप्ता के मुताबिक उसका व्यवहार सामान्य है।
12 से 14 साल होती है औसत उम्र
वन्यप्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि सिंह की औसत उम्र 12 से 14 साल होती है लेकिन इसके पूर्व वन विहार नेशनल पार्क में सिंह औसतन 18 साल तक जीवित रहे हैं।
मादा सिंह नंदी भी फिट पाई गई है। उसे भी एक सप्ताह के भीतर बाड़े में छोड़ देंगे। अभी सत्या को छोड़ा है, उसके व्यवहार पर नजर रखे हुए हैं।
अशोक कुमार जैन, डिप्टी डायरेक्टर वन विहार नेशनल पार्क, भोपाल