भोपाल। भोपाल में सबसे ज्यादा दूध सप्लाई करने वाले ब्रांड सांची ने दूध में शुद्धता का चैलेंज एक्सेप्ट किया है। सांची की तरफ से घोषणा की गई है कि यदि आपको लगता है कि आपके दूध में मिलावट है तो आप सिर्फ एक कॉल कीजिए। लैब के एग्जीक्यूटिव आपके घर आकर सैंपल कलेक्ट करेंगे और रिपोर्ट भी आपके घर पहुंचा दी जाएगी। आप किसी भी ब्रांड का दूध भी उस करते हो उसकी शुद्धता की जांच के लिए सांची को कॉल कर सकते हैं। इसकी कोई फीस नहीं ली जाएगी।
दूध में मिलावट की जांच कराने के लिए टोल फ्री नंबर / हेल्पलाइन नंबर
भोपाल में 20 जनवरी से जांच की शुरुआत हो चुकी है। अभी तक 343 उपभोक्ताओं द्वारा जांच कराई गई है। प्रदेश में 15 फरवरी से यह व्यवस्था लागू होगी। उपभोक्ता भी दुग्ध संघों से उनकी कॉलोनी व क्षेत्रों में दूध की जांच के लिए मांग कर सकते हैं। इसके लिए दुग्ध संघ के कार्यालय में सादे कागज पर आवेदन कर सकते हैं। सांची दूध के पैकेट पर लिखे लैंडलाइन नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है।
सांची की ब्रांड वैल्यू बचाने के लिए चलाया जा रहा है अभियान
आधिकारिक रूप से बताया गया है कि सांची दूध की चोरी व उसमें की जाने वाली मिलावट के कारण सांची ब्रांड की छवि खराब हुई है। उपभोक्ताओं में भी कई तरह की आशंका है। इस छवि को सुधारने व उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने के लिए दुग्ध महासंघ मप्र ने प्रदेश भर में 'खुद परखो-खुद जानो' अभियान शुरू किया है। यह शुद्ध के लिए युद्ध अभियान से जुड़ा है। दुग्ध महासंघ के प्राधिकृत अधिकारी तंवर सिंह और भोपाल संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव के निर्देश के बाद भोपाल दुग्ध संघ 20 जनवरी से शहर में प्रयोगशाला चलवा रहा है।
मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में मोबाइल लैब आएगी
प्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर और ग्वालियर को मिलाकर छह सहकारी दुग्ध संघ हैं। सभी संघ एक महीने में 26 दिन चलित प्रयोगशाला चलाएंगे। एक संघ एक दिन में 100 उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे जाने वाले सांची दूध की जांच करेंगे। संबंधित संघ किस दिन किस क्षेत्र व कॉलोनी से सैंपल लेंगे, इसकी सूचना एक दिन पूर्व दी जाएगी।
मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ का आधिकारिक बयान
'खुद परखो-खुद जानो' अभियान भोपाल शहर में शुरू कर चुके हैं। इसे 15 फरवरी से प्रदेश में लागू करने जा रहे हैं। एक संघ एक दिन में 100 उपभोक्ताओं से सैंपल लेंगे, उनकी जांच करके लिखित रिपोर्ट उनके घर पहुंचाकर देंगे। उपभोक्ता दूसरे ब्रांड का दूध भी जांच के लिए दे सकेंगे। 15 फरवरी से यह व्यवस्था लागू होगी। -
केके माहेश्वरी, महाप्रबंधक विपणन, दुग्ध महासंघ मप्र