भोपाल में प्राइवेट कोर्ट खोलने वाले शहर काजी ने हाईकोर्ट में माफी मांगी | BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। अवमानना मामले में आरोपी बनाए गए शहर काजी मुश्ताक अली नदवी और मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम सलमान ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि अब वे वैवाहिक विवादों व तलाक के मामलों पर समानांतर न्यायालय नहीं लगाएंगे। दोनों ने संयुक्त हलफनामा पेश कर बिना शर्त हाईकोर्ट से माफी मांगी। जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लेकर दोनों को अवमानना से बरी कर दिया। 

मसाजिद कमेटी ने अपनी प्राइवेट कोर्ट बना ली थी

हाईकोर्ट ने दोनों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब इस तरह की शिकायत नहीं आना चाहिए। रायसेन के सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद वसीम खान ने शहर काजी और मसाजिद कमेटी के सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदिल उसमानी ने खंडपीठ को बताया कि वर्ष 2009 में मोहम्मद जहीर खान कोटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके आरोप लगाया था कि मसाजिद कमेटी द्वारा समानांतर अदालत लगाकर मुस्लिम वर्ग के लोगों के वैवाहिक विवादों व तलाक के मामले की सुनवाई की जाती है। आरोप यह भी था कि वहां पर बनी समानांतर न्यायालय में कटघरे भी बनाए गए हैं। 

प्राइवेट कोर्ट में तीन जिलों के मामलों की सुनवाई होती थी

इस अदालत में भोपाल, सीहोर और रायसेन जिलों से संबंधित मामलों पर जज की हैसियत से फैसले सुनाए जाते हैं। जनहित याचिका में लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2012 को भोपाल में समानांतर कोर्ट चलाए जाने पर रोक लगा दी थी। मामले पर मंगलवार को अंतिम सुनवाई के दौरान शहर काजी व मसाजिद कमेटी के सचिव ने हलफनामा पेश कर माफी मांगी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!