भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ माफिया के खिलाफ अभियान की बात तो करते हैं परंतु माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना अधिकारियों को कितना महंगा पड़ सकता है इसका एक नमूना भोपाल में नजर आया। भोपाल के भू माफियाओं का कच्चा चिट्ठा खोलने वाले अधिकारी (सहकारिता निरीक्षक सुधाकर पांडे) को पहले तो पद से हटाया गया और फिर STF उठा ले गई। पुलिस ने इस अधिकारी को व्यापम घोटाला सहित कई गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी है।
मामला क्या है
एक ही पते पर संचालित हो रही गौरव, गुलाबी और महाकाली सोसायटी की जांच कर रिपोर्ट उपायुक्त सहकारिता विनोद सिंह को सौंपना सहकारिता निरीक्षक को भारी पड़ गया है। रिपोर्ट सौंपते ही उपायुक्त ने सहकारिता इंस्पेक्टर सुधाकर पांडे को गौरव गृह निर्माण सोसायटी के प्रशासक पद से हटा दिया इसके बाद दूसरे ही दिन (6 फरवरी 2020) उनके जहांगीराबाद स्थित घर पर एसटीएफ के पुलिसकर्मियों ने अचानक छापामार कार्रवाई कर दी। इस दौरान सहकारिता निरीक्षक के घर की जबरदस्ती तलाशी भी ली गई। वहीं सहकारिता निरीक्षक को जबदरस्ती उठाकर जहांगीराबाद थाना ले गए। इसके बाद सिटी डिपो के पास एसटीएफ कार्यालय में ले गए। इस पर सुधाकर पांडेय ने विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ झूमाझपटी भी की। जब इस बात की सूचना पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजेश भदौरिया को लगी तो उन्होंने तत्काल उन्हें मुक्त करवाया और तीन एसटीएफ पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कहने लगे। हालांकि इस घटना के बाद सहकारिता निरीक्षक काफी डरे हुए है।
एसटीएफ ने सहकारिता निरीक्षक सुधाकर पांडे को कई मामलों में फंसाने की धमकी दी
अपनी शिकायत में सहकारिता निरीक्षक सुधाकर पांडे ने बताया है कि एसटीएफ ने उन्हें व्यापम घोटाला, नकली नोट छापना, फर्जी मार्कशीट छापना इत्यादि के मामलों में फंसाने की धमकी दी है। इस मामले की शिकायत कलेक्टर तरुण पिथोड़े सहित मुख्यमंत्री व मुख्यसचिव को की गई है।
रास्ता रोककर जान से मारने की धमकी भी दी
सहकारिता निरीक्षक सुधाकर पांडे ने बताया कि रात 8 बजे अपने घर आ रहा था तभी रास्ते में जेल पहाड़ी के वहां तीन व्यक्तियों द्वारा उन्हें रोका गया। मुझे जान से मारने की धमकी दी गई। वहीं यह भी कहा गया कि आजकल बहुत जांच कर रहे हो और धमकियां देकर परिवार को अनाथ कर देने की बात भी कही।
सहकारिता उपायुक्त पर दिनेश त्रिवेदी के दबाव में काम करने का अरोप
इधर इंडस एम्पायर निवासी विवेक दीक्षित ने शनिवार को कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई कि गौरव गृह निर्माण सोसायटी के प्रशासक पद से सुधाकर पांडेय को हटाकर ई एक्का को बनाना पूरे मामले में सवाल खड़े कर रहा है। उपायुक्त पर आरोप लगाए कि वे दिनेश त्रिवेदी और उनके सहयोगियों के दबाव में काम कर रहे है। समिति के खातों से लाखों रुपया का फर्जी भुगतान किया गया इसकी अब तक जांच शुरू नहीं की गई है। उन्होंने शिकायत में बताया कि 10 साल की जांच करते हुए समिति का रिकार्ड जब्त किया जाए। वहीं दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने डीआईजी को पत्र लिखा
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर, भोपाल ने बताया कि डीआईजी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच के लिए कहा गया है। इस तरह की घटना सहकारिता निरीक्षक के साथ दोबारा न हो इसके लिए जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।
एसटीएफ उज्जैन के सब इंस्पेक्टर केके पांडे ने कार्रवाई की थी
राजेश भदौरिया, एसटीएफ एसपी, भोपाल इकाई ने बताया कि उज्जैन इकाई के सब इंस्पेक्टर केके पांडेय को फर्जी अंक सूची के संबंध में सूचना मिली थी। इस तारतम्य में उज्जैन एसटीएफ इकाई ने उन्हें पूछताछ के लिए लाया था, हालांकि मुझे जानकारी मिलने मैंने इस तरह से परेशान न करने की बात कहकर उन्हें रवाना किया।