इंदौर। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के विरोध को लेकर रविवार को इंदौर में एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कहा कि इस देश में गांधी और आंबेडकर की विचारधारा चलेगी, गोडसे और गोलवलकर की नहीं। वहीं नर्मदा बचाओं आंदोलन की नेत्री और समाजसेविका मेघा पाटकर ने कहा कि देश के लोगों को संविधान ने अधिकार दिए हैं, और जो संविधान को कुचलने का प्रयास करेगा तो जनता उसे ही कुचल देगी।
दोपहर दो बजे तक मंच पर कोई नहीं था लेकिन उपस्थित भीड़ का जोश देखते ही बनता था। महासभा प्रारंभ होने का समय दोपहर एक बजे था लेकिन स्वरा भास्कर, मेघा पाटकर, आनंद मोहन माथुर और कवी सरोज कुमार के आने के बाद दोपहर तीन बजे सभा प्रारंभ हुई जो शाम 6.30 तक चली।भगतसिंह दीवाने ब्रिगेड द्वारा आयोजित‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ महासभा को संबोधित करते हुए स्वरा भास्कर ने कहा कि मैं यहां भारत के एक नागरिक के रूप में आई हूं जो भारत के संविधान के प्रति समर्पित है। आज देश में राष्ट्रवाद को लेकर इतनी बातें हो रही है कि हम यह भूल गए हैं कि देश के नागरिकों की जिम्मेदारी संविधान के प्रति हैं ना कि किसी सरकार के प्रति। नागपुर में बैठा कोई चड्डीधारी इस देश की नागरिकता तय नहीं करेगा।
स्वरा ने कहा कि इस देश की सरकार कुछ तो सस्ता नशा कर रही है और वह नशा है नफरत का नशा। नागपुर में बैठकर सरकार देश को बर्बाद करने का नशा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह इंदौर का सौभाग्य है कि उसे अहिल्याबाई होलकर जैसी शासक मिली जिन्होंने राज्य को जोड़ा और एक रखा, लेकिन हमारा दुर्भाग्य देखिए कि आज हमारे शासक ही हमारे भक्षक बने हुए है। जिन्हें हमने इतनी उम्मीदों से चुना, वोट देकर बहुमत से सरकार बनवाई वही आज हमारे संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। और सरकार से कुछ सवाल करों तो वह पुलिस भेज देती है। स्वरा ने कहा कि हम देर से जागे हैं...हमें तो तभी जाग जाना चाहिए था जब दादरी में अखलख की मौत हुई थी वह भी खाने के लिए। घुसपैठिए सरकार के दिमाग में घुसे हुए है। जितनी बार मेरी दादी भगवान का नाम नहीं लेती उससे अधिक बार यह सरकार पाकिस्तान का नाम लेती है, इस सरकार को पाकिस्तान से प्यार हो गया है। देश में नागरिकता देने का कानून तो पहले से ही था और उसी के तहत सरकार ने पाकिस्तान के अदनान सामी को भारतीय नागरिकता दी और अब पद्मश्री भी दे दिया।
असम में एनआरसी पूर्ण रूप से असफल रहा है। 1600 करोड़ रुपए की लागत और 10 साल के काम के बाद 19 लाख लोग एनआरसी से बाहर हो गए जिसमें 15 लाख हिंदु शामिल है। अब इन हिंदुआें को कैसे अंदर किया जाए इसके लिए मोदी सरकार सीएए लेकर आई। सीएए यानी बेक डोर से इंट्री। स्वारा ने भाजपा महासचिव और इंदौर निवासी कैलाश विजयवर्गीय पर तंज कसते हुए कहा कि जो व्यक्ति इंदौर में पोहा खाकर बड़ा हुआ वह आज पोहे से बांग्लादेशी को पहचान रहा है।