इंदौर। सीमा सुरक्षा बल में पदस्थ निरीक्षक सत्येंद्र सिंह कुशवाहा का शव उन्हीं के सरकारी क्वार्टर में फांसी पर झूलता हुआ मिला है। शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। यह संदिग्ध मौत तब हुई जब घर में कोई नहीं था। उनकी पत्नी एक विवाह समारोह में शामिल होने ग्वालियर में थी। इंदौर पुलिस इसे आत्महत्या मानकर चल रही है।
एरोड्रम टीआई अशोक पाटीदार ने बताया कि, बीएसएफ कैंपस में रहने वाले 57 वर्षीय निरीक्षक सत्येंद्र सिंह कुशवाह ने गुरुवार सुबह घर में फांसी लगाकर जान दे दी। वे CPWD की एमटी शाखा में पदस्थ थे। बताया गया है कि वे सुबह नौकरी पर गए थे और लंच के बाद उन्हें पुन: जाना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। रात 8 बजे बाद जब उनका दूध वाला पहुंचा तो दरवाजा अंदर से नहीं खोलने पर उसने पड़ोसियों को सूचना दी। इस पर बीएसएफ की टीम ने सर्चिंग की और पता चला कि अंदर इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह कुशवाहा का शव फांसी पर लटका हुआ है।
रिश्तेदारों ने बताया कि कुशवाह मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी अभी एक शादी के सिलसिले में ग्वालियर में ही है। उनका छोटा बेटा ग्वालियर में रहता है और बामोर में एक स्कूल में पढ़ाता है। बड़ा बेटा भीम सिंह मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक हैं। 26 फरवरी को उनके भतीजे की शादी थी, जिसमें उन्हें शामिल होने जाना था। परिजन का कहना है कि जब पूरा परिवार आर्थिक रूप से मजबूत है तो उन्हें कोई तनाव नहीं था। इसलिए कारण बताना मुश्किल है। वहीं बीएसएफ के लोगों का भी कहना है कि काम के लिए उन्हें कोई तनाव नहीं था। इसलिए पुलिस हर बिंदुओं पर जांच कर रही है। फिलहाल शव परिजन को सौंप दिया गया है।