नई दिल्ली। चंडीगढ़ में कमीशनिंग और सरोगेट मदर कर्मचारी को अब मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद अब यूटी प्रशासन ने भी इसे लागू कर दिया है। इसे लेकर सभी विभाग, बोर्ड, इंस्टीट्यूट, कॉरपोरेशन को आदेश जारी किए हैं।
कमीशनिंग मदर अर्थात वह महिला कर्मचारी जो बच्चे को गर्भ धारण करने के लिए किसी अन्य महिला की सेवाएं लेती है और सरोगेट मदर अर्थात वह महिला कर्मचारी जो ऐसा करने के लिए अपनी कोख किराए पर देती है, दोनों को ही गर्भवती महिला कर्मचारियों के लिए लागू मातृत्व अवकाश के नियमों और शर्तों के आधार पर ही मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
यदि किसी स्थिति में कमीशनिंग मदर और सरोगेट मदर दोनों कर्मचारी हैं तो दोनों को यह अवकाश दिया जाएगा। इस आधार पर कि वह एक कमीशनिंग मदर है और दूसरी इस आधार पर कि वह गर्भवती महिला है।
क्या है सरोगेसी?
सरोगेसी एक महिला और एक दंपति के बीच का एक एग्रीमेंट है, जो अपना खुद का बच्चा चाहता है। सामान्य शब्दों में सरोगेसी का मतलब है कि बच्चे के जन्म तक एक महिला की ‘किराए की कोख’। आमतौर पर सरोगेसी की मदद तब ली जाती है जब किसी दंपति को बच्चे को जन्म देने में कठिनाई आ रही हो।
बार-बार गर्भपात हो रहा हो या फिर बार-बार आईवीएफ तकनीक फेल हो रही है। जो महिला किसी और दंपती के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ‘सरोगेट मदर’ कहा जाता है।