नई दिल्ली। वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए होली से पहले बुरी खबर आ सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीस की मीटिंग 5 मार्च को फिक्स हो गई है। इस मीटिंग में प्रोविडेंट फंड पर ब्याज का निर्धारण होगा। 2019 में भविष्य निधि की रकम पर 8.65 प्रतिशत ब्याज था। आशंका है कि इस बार 15 पॉइंट कम किए जाएंगे। यानी ब्याज दर 8.50% रह जाएगी।
EPFO के लिए इस साल ब्याज दरें जस की तस रखना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने बताया कि लॉन्ग टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बॉन्ड्स और गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज से EPFO की अर्निंग्स पिछले सालभर में 50-80 बेसिस पॉइंट्स घटी हैं। फाइनैंस इन्वेस्टमेंट ऐंड ऑडिट कमिटी पीएफ डिपॉजिट पर रिटर्न रेट के बारे में बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक से पहले निर्णय कर सकती है। यह निर्णय EPFO के असल मुनाफे के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले की जानकारी बोर्ड मीटिंग में दी जाएगी जो इस पर विचार करेगा।
EPFO के निवेश
EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। इसमें से करीब 4500 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज में लगाए गए हैं। इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीएचएफएल जहां बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है, वहीं IL & FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है।
PF पर ब्याज घटने का क्या असर?
EPFO अपने ऐनुअल ऐक्रुअल्स का 85 प्रतिशत हिस्सा डेट मार्केट में और 15 प्रतिशत हिस्सा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के जरिए इक्विटीज में लगाता है। पिछले साल मार्च के अंत में इक्विटीज में EPFO का कुल निवेश 74,324 करोड़ रुपये का था और उसे 14.74% का रिटर्न मिला था। हालांकि सरकार को यह भी ध्यान में रखना होगा कि पीएफ पर ब्याज दर घटने से वर्कर्स का सेंटिमेंट खराब होगा।
ब्याज दर घटी तो बिगड़ेगा सेंटिमेंट
एक व्यक्ति ने कहा, 'EPFO पर ब्याज दर एक बड़ी सेंटिमेंट बूस्टर रही है। इसमें अभी कोई भी कमी एंप्लॉयी सेंटिमेंट और खराब कर सकती है।' लेबर मिनिस्टर की अध्यक्षता वाला बोर्ड EPFO में निर्णय करने वाला शीर्ष निकाय है। EPFO के 6 लाख ऐक्टिव सब्सक्राइबर हैं।