सपने तो सभी को आते हैं परंतु कभी-कभी कैसे सपने आते हैं जिनके कारण बीपी बढ़ जाता है, नींद टूट जाती है और फिर काफी समय तक हृदय में दहशत बैठी रहती है। अक्सर जब कोई व्यक्ति दिन में किसी घटना को देखता या सुनता है और वह घटना का विवरण उसके बैक ऑफ माइंड में सेव हो जाता है तब उसी से मिलता जुलता कोई दूसरी हटना सपने में दिखाई देने लगती है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि डरावने सपनों का क्रम लगातार जारी रहता है। सप्ताह के खास दिनों में, या फिर एक दिन छोड़कर और कुछ मामलों में हर रोज डरावने सपने आते हैं। मेडिकल साइंस अब तक इस मामले में कोई खास रिसर्च नहीं कर पाया है परंतु दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं में इस विषय पर रिसर्च भी की गई थी और डरावने सपनों का इलाज, डरावने सपनों से बचने का उपाय उपलब्ध है।
डरावने सपने आने पर क्या करें
- हिंदू सभ्यता के अनुसार हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से डरावने सपने नहीं आते।
- पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय डरावने सपनों से बचने का सबसे सरल उपाय है।
- आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार तकिए के नीचे लहसुन की कली खेल कर रख देने से भयभीत करने वाले या फिर परेशान करने वाले सपने नहीं आते। लहसुन की कली से नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है।
- रात को सोते समय डर लगता हो या बुरे सपनों के कारण भय से अचानक उठ जाते हैं तो अपने तकिए के नीचे 5-6 छोटी इलाइची कपड़े में बांध कर रख लें लाभ होगा।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार तांबे का पात्र जल से भरकर बिस्तर के पास रख लें और सुबह उस पानी को पौधों पर डाल दें। यह टोटका नियमित रूप से करने से वास्तु पुरुष आपकी रक्षा करता है।
- वास्तु के अनुसार रात को सोते समय डर लगता हो तो तकिए के पास या नीचे चाकू रख लें। चाकू न होने पर कैंची, नेल-कटर, कांटा आदि भी तकिए के नीचे रख सकते हैं। जिससे रात को डर नहीं लगता।
- कागज या कपड़ें में थोड़े से पीले चावल बांधकर तकिए के नीचे रखने से डर और बुरे स्वप्नों से बचाव होता है।
डरावने सपने क्यों आते हैं
- इसके अतिरिक्त रात को बाल बांधकर सोना चाहिए। रात को बाल खुले रखकर सोने से भी बुरे सपने आते हैं।
- गंदे या अव्यवस्थित बिस्तरे पर सोने से भी डर और बुरे सपने आते हैं। इसलिए सोने से पूर्व बिस्तरा साफ करके सोएं।
- पलंग के आस-पास और नीचे रखे जूते-चप्पल भी डर और बुरे सपनों का कारण बनता है।
- जिस चादर पर डार्क या हिंसक जानवरों का प्रिंट हो उसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। फटी हुई चादर का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।