नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सरकार बना रही है। इससे ज्यादा बड़ी बात यह है कि दिल्ली के इतिहास का सबसे घमासान चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी भारी बहुमत के साथ चुनाव जीती है। इस चुनाव की जीत का श्रेय डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिया जा रहा है। क्या आप जानते हैं मनीष सिसोदिया कभी राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे। दिग्विजय सिंह के चैलेंज के कारण पॉलिटिक्स में आए और आज देश के सबसे लोकप्रिय डिप्टी सीएम है जबकि उन्हें चैलेंज करने वाले दिग्विजय सिंह के नाम पर कांग्रेस को मध्यप्रदेश में भी वोट नहीं मिलते। दूसरी बड़ी बात यह है कि दिग्विजय सिंह के चैलेंज के कारण पैदा हुई आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया।
हापुड़ की धौलाना तहसील के गांव फगौता में अध्यापक के घर पैदा हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने 2013 में समाजसेवा से सियासी जीवन में एंट्री करने के बाद लगातार तीसरी बार दिल्ली की विधानसभा पटपड़गंज में जीत की हैट्रिक लगा दी है। अन्ना आंदोलन के दौरान कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह के एक स्टेटमेंट कि 'चुनाव लड़ कर देखो' के बाद राजनीति में आए और केजरीवाल के साथ मिलकर दिल्ली में हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया। समाजसेवा से शुरू हुआ सफर दिल्ली की उप मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गया।
मनीष सिसोदिया को बचपन से पढ़ाई की लगन थी जो आज भी बरकरार है। यही वजह है कि दिल्ली में वो शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आज भी काम कर रहे हैं। धौलाना के गांव शाहपुर-फगौता के राजपूत परिवार में जन्मे धर्मपाल सिंह कंदौला कॉलेज में पीटीआई के अध्यापक थे। उनके तीन बेटों में मनीष सबसे छोटे हैं। मनीष के दोनों बड़े भाई जॉब करते हैं। एक कृषि विभाग में डायरेक्टर हैं तो दूसरे डॉक्टर। मनीष का जन्म दो फरवरी 1972 को हुआ। उन्होंने गांव से ही शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद दिल्ली से पत्रकारिता में स्नाकोत्तर डिप्लोमा लिया। पत्रकारिता करते हुए मनीष सिसौदिया साइकिल पर बैग लटकाकर क्षेत्र में घूम लेते थे। इसी दौरान उन्होंने समाजसेवा शुरू कर दी। 1997 से 2005 तक पत्रकारिता करते हुए ऑल इंडिया रेडियो में रहे।
वृत्तचित्र फिल्म भी बनाई
मनीष सिसौदिया ने वृत्तचित्र फिल्म भी बनाई। जिसमें उन्हें अवार्ड भी मिला। उन्होंने एफएम चैनलों के साथ रेडियो एंकर के रूप में भी काम किया। सामाज सेवा से जुड़ने के बाद उन्होंने पत्रकारिता को अलविदा कह दिया।
2006 में फाउंडेशन से शुरुआत
19 दिसंबर 2006 को मनीष सिसौदिया अरविंद केजरीवाल के साथ आरटीआई की तरह भारतीय कानूनों के बारे में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से रिसर्च फाउंडेशन की सह स्थापन में जुट गए।
यूं ही चलता गया सफर और पहुंच गए दिल्ली की कुर्सी तक
मनीष ने विभिन्न आरटीआई के मुद्दों पर काम करते हुए अपनी पत्रिका भी प्रकाशित की। दिल्ली में भ्रष्टाचार के विरुद्ध बिगुल बजा तो मनीष सिसौदिया उसमें जुट गए। यहां उनका भाग्य दिल्ली की कुर्सी की ओर को चलने लगा।
49 दिनों के लिए दिल्ली में बने कैबिनेट मंत्री
2013 में दिल्ली में आप पार्टी का जन्म हुआ। जिसमें अरंविद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार बनी तो मनीष सिसौदिया को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 49 दिन के लिए उन्होंने दिल्ली में मंत्रालय चलाया और 2015 में दूसरी बार दिल्ली के उप मुख्यमंत्री तक पहुंच गए। आज मनीष सिसोदिया देश की सबसे लोकप्रिय उप-मुख्यमंत्री है।