इंदौर। मध्यप्रदेश में पहली प्राइवेट ट्रेन महाकाल-काशी एक्सप्रेस को लेकर पब्लिक में काफी उत्साह है। बताया गया है कि इस ट्रेन में सुविधाएं अच्छी होंगी। भारतीय रेल की तुलना में यह ट्रेन ज्यादा तेज स्पीड से जाएगी परंतु अब तक यह नहीं बताया गया था कि इस ट्रेन का किराया कितना होगा।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने इस बारे में आधिकारिक बयान दिया है। उनका कहना है कि जिस तरह विमान कंपनियां अपना किराया खुद तय करती हैं उसी प्रकार प्राइवेट ट्रेन का किराया भी ट्रेन चलाने वाली कंपनी तय करेगी। यादव ने कहा, "निजी ट्रेन चलाने वाली कंपनी मार्केट के हिसाब से यात्री किराया तय कर सकती है।" यादव ने कहा कि जिस तरह फ्लाइट का किराया तय करने में सरकार कोई दखल नहीं देती, उसी तरह पर निजी ट्रेन चलाने वाली कंपनियों को भी पूरी आजादी दी गई है।
पटरियों पर आप प्राइवेट ट्रेन ही दौड़ती दिखाई देंगी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बीके यादव ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मार्च 2020 तक 150 प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए बोली मंगवाई है। श्री यादव के इस बयान से स्पष्ट होता है कि सरकार केवल रेल की पटरी तक सीमित रह जाएगी। आने वाले 2 सालों में सरकारी रेल की पटरियों पर प्राइवेट ट्रेन ही दौड़ती हुई दिखाई देंगी। इससे उन यात्रियों को फायदा होगा जो आरामदायक यात्रा के लिए ज्यादा पैसा चुकाने के लिए तैयार हैं परंतु जो यात्री कम किराए के कारण ट्रेन में सफर करते हैं उनके लिए यह बुरी खबर है।