भारत की पहली नॉइस पॉल्यूशन फ्री सिटी बनेगी इंदौर | INDORE NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर। भारत की सबसे क्लीन सिटी का दर्जा हासिल कर चुके इंदौर ने अब एक नया चैलेंज हाथ में लिया है। इंदौर सिटी भारत की पहली नॉइस फ्री सिटी बनेगी। यानी इंदौर में ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। इस शहर में 40 डेसीबल से ज्यादा तेज आवाज नहीं की जा सकती। डीजे भी उतनी ही आवाज निकालेंगे जितने की डांस वाले को सुनने के लिए जरूरी है। इस शहर में शोर नहीं होगा। इस प्रोजेक्ट का नाम साइलेंट सिटी ऑफ इंडिया रखा गया है। 

नॉइस पॉल्यूशन की चुनौती से निपटने के लिए प्लान तैयार किया

इंदौर को साइलेंट सिटी ऑफ इंडिया के रूप में पहचान दिलाने की बात पर प्रशासन का मानना है कि पिछले कुछ सालों में शहर में जिस तरह से ध्वनि प्रदूषण बढ़ा वो अलार्मिंग है। ऐसे में नॉइस पॉल्यूशन की चुनौती से निपटने के लिए प्लान तैयार किया गया है। कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर के 17 ऐसे स्थानों को चयनित किया है, जहां सबसे ज्यादा हॉर्न बजाया जाता है। इन स्थानों को नो हॉर्न जोन बनाया गया हैं। इनमें यूनिवर्सिटी, अस्पताल के साथ ही हाईकोर्ट जैसे संवेदनशील स्थान शामिल किए गए हैं। चिह्नित स्थलों में दो सड़कों को भी साइलेंट जोन में रखा गया है। इसमें शहर की पहली आदर्श सड़क गिटार चौराहे से साकेत चौराहे तक और पलासिया चौराहे से रीगल तक का मार्ग भी शामिल किया गया है। इस मार्ग को ट्रैफिक के लिए पहले से ही आदर्श मार्ग घोषित किया हुआ है। हाईकोर्ट होने के चलते भी ये मार्ग ट्रैफिक के लिए संवेदनशील है। इन स्थलों के सौ मीटर के दायरे में हॉर्न बजाना और तेज ध्वनि यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। 

डीजे पर भी लगेगा प्रतिबंध

जिले के कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव का कहना है कि नो हॉर्न जोन के बाद डीजे और तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर पर पाबंदी लगाई जाएगी। इसके लिए डीजे संचालकों और धार्मिक आयोजन करने वाली संस्थाओं की लिस्ट तैयार की जा रही है। 

ट्रैफिक पुलिस करेगी कार्रवाई

ध्वनि प्रदूषण के हिसाब से देखा जाए तो शहर को चार हिस्सों रहवासी, व्यावसायिक, औद्योगिक और शांत क्षेत्र में बांटा गया है। किसी भी क्षेत्र के ध्वनि प्रदूषण की मात्रा 40 से 45 डेसीबल तक हो तो उसे सामान्य माना जाता है, लेकिन शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ये मात्रा 75 से 80 डेसीबल तक है। सबसे पहले इन्हीं क्षेत्रों को चिन्हित कर कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें गाड़ियों के तेज हॉर्न की गति पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस के एडीशनल एसपी महेन्द्र जैन का कहना है कि किसी भी सूरत में प्रेशर हॉर्न नहीं बजाने दिए जाएंगे। तय सीमा से ज्यादा वाले हॉर्न पर निगाह रखी जाएगी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!