इंदौर। CAA/NRC की दहशत और विरोध इस स्तर तक आ गया है कि लोग दूसरे सरकारी सर्वे को भी बाधित करने लगे हैं। इंदौर में चल रहे पीडीएस सर्वे को लोगों ने एनआरसी समझ लिया। सर्वे करने आई टीम का जबरदस्त विरोध किया। उसके फार्म छीन लिए। हालात यह बने कि पुलिस को दखल देना पड़ा।
शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र चंदन नगर और आजाद नगर में ऐसी दो घटनाएं हो चुकी हैं। यहां खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग, नगर निगम और महिला बाल विकास विभाग की टीम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के राशन के लिए पात्र परिवारों का सत्यापन करने पहुंची तो रहवासियों ने इसे एनआरसी और सीएए का सर्वे समझकर विरोध किया। चंदन नगर में तो सर्वे करने पहुंचे दल को रहवासियों ने रोका और सर्वे फॉर्म तक छीन लिए। इस घटना के बाद कर्मचारी चंदननगर थाने पहुंचे और पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने रहवासियों से फॉर्म वापस दिलवाए और माहौल को देखते हुए कर्मचारियों को फिलहाल सर्वे नहीं करने की सलाह दी। यह घटना शुक्रवार की है।
इससे पहले आजाद नगर में भी राशन के पात्र परिवारों के सर्वे का विरोध किया गया था। तब भी एसडीएम अंशुल खरे ने थाना प्रभारी से बात करके विवाद सुलझाया। चंदननगर की घटना के बाद कर्मचारियों ने जिला आपूर्ति नियंत्रक एल. मुजाल्दा को भी रिपोर्ट पेश की। इस बारे में एमडीएम बीबीएस तोमर ने भी जिला आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए कि सर्वे करने वाले दलों को सुरक्षा देने के लिए एएसपी और सीएसपी को पत्र लिखा जाए जिससे सर्वे शांति से हो सके।
जिला आपूर्ति नियंत्रक ने सार्वजनिक सूचना जारी की है कि राशन प्राप्त करने वाले हितग्राही सत्यापन दलों को सहयोग करें और उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेज अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। यह सर्वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सभी पात्र हितग्राहियों को राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है।
इसलिए हो रहा पीडीएस के पात्र परिवारों का सर्वे
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जिन पात्र परिवारों को पीडीएस का राशन मिल रहा है, उनका सत्यापन करने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में यह देखा जा रहा है कि शासन द्वारा दिया जाने वाला 1 रुपए किलो का राशन सही परिवारों तक जा रहा है या नहीं? सर्वे में अंत्योदय, बीपीएल, घरेलू कामकाजी, मजदूर सुरक्षा कार्डधारी हितग्राहियों का सत्यापन शामिल है। सर्वे में पात्र परिवारों से राशन कार्ड नंबर, परिवार के सभी सदस्यों का आईडी आदि जानकारी ली जा रही है। घर का फोटो भी लिया जा रहा है। यह सारी जानकारी एक फॉर्म में भरने के अलावा एम राशन मित्र मोबाइल एप पर भी भरी जा रही है। बताया जाता है कि जिले में 2 लाख 74 हजार 785 पात्र परिवार हैं। इसमें से जिले में 1 लाख 3 हजार से अधिक परिवारों का सत्यापन हो चुका है। इंदौर नगर निगम क्षेत्र में केवल 5 फीसदी सर्वे ही हो पाया है। इंदौर निगम क्षेत्र में स्वच्छता सर्वे के कारण पात्र परिवारों का सर्वे कार्य नहीं हो पाया। अब जाकर यह सर्वे किया जा रहा है।