इंदौर। इंडियन प्रीमियर लीग के मैच इंदौर की पहचान बन गए थे। आईपीएल के कारण इंदौर को काफी मुनाफा भी होता था परंतु पॉलिटिक्स के चलते लगातार दूसरे साल भी इंदौर शहर को आईपीएल मैचों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया। आईपीएल ने मैचों का शेड्यूल जारी कर दिया है। शेड्यूल में 29 मार्च से 17 मई के बीच होने वाले लीग मैचों के लिए किंग्स इलेवन पंजाब ने सिर्फ मोहाली को ही होमग्राउंड रखा है, जबकि राजस्थान रॉयल्स ने दूसरे होमग्राउंड के विकल्प में गुवाहाटी को चुना है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इंदौर में आईपीएल का एक भी मैच नहीं होगा।
इस बार नगर निगम की 5% टैक्स के कारण आईपीएल नहीं आया
इससे पहले 2017 और 2018 में किंग्स इलेवन ने लगातार 2 साल तक होलकर स्टेडियम को दूसरा होमग्राउंड बनाकर यहां मैच खेले, पर 2018 में पुलिस और प्रशासन के साथ पास को लेकर हुए विवाद और लोकसभा चुनाव के चलते उन्होंने 2019 में आने से इनकार कर दिया। इस बार नगर निगम के 5 फीसदी मनोरंजन कर और पास से जुड़े बुरे अनुभव के चलते किंग्स और रॉयल्स ने इंदौर से दूरी बना ली है।
सबसे पहले अधिकारियों ने फ्री पास के लिए IPL आयोजकों को तंग किया था
किंग्स इलेवन पंजाब ने मई 2018 में यहां चार मैच खेले। इस दौरान प्रशासन और पुलिस से अधिक पास बांटने को लेकर विवाद हो गया। प्रीति जिंटा ने कह दिया था कि हमारी प्रशासन के साथ फाइन ट्यूनिंग नहीं हो रही है। आईपीएल खत्म होने के बाद किंग्स के सीईओ सतीश मेनन ने खुलकर आरोप लगाए थे कि इंदौर के अफसरों ने पास के लिए काफी प्रताड़ित किया। अब यहां आने के लिए सोचना पड़ेगा।
28% GST देते हैं तो फिर 5% मनोरंजन टैक्स क्यों दें: फ्रेंचाइजी
मैच पर 28% जीएसटी लगने के साथ ही स्थानीय निकाय को मनोरंजन कर लगाने का अधिकार है। किसी अन्य राज्य में आईपीएल मैचों पर यह टैक्स नहीं लगा, लेकिन नगर निगम ने 2018 के मैचों के दौरान ही यह टैक्स लगाकर फ्रेंचाइजी को नोटिस दे दिया। यह टैक्स हाल ही में बांग्लादेश व श्रीलंका के साथ हुए मैचों पर भी लगा। फ्रेंचाइजी ने टैक्स के कारण कम होती आय देख यहां मैच खेलने से इनकार कर दिया।
आईपीएल वालों ने हमसे बात ही नहीं की: नगर निगम इंदौर
पास विवाद से आईपीएल मैचों के आयोजन का कोई लेना-देना नहीं है। इस बार किसी फ्रेंचाइजी ने होमग्राउंड बनाने के लिए MPCA से संपर्क नहीं किया। यदि भविष्य में कोई टीम होलकर को होमग्राउंड बनाना चाहती है तो हम पूरी तरह से तैयार हैं।
रोहित पंडित, सीएओ, एमपीसीए