राजस्थान का बाल मजदूर IPS बन गया | INSPIRATIONAL STORY

Bhopal Samachar
भारत में लाखों समाज सेवी संस्थाएं बाल मजदूरों को केवल अक्षर ज्ञान देने की जद्दोजहद कर रही है उसी देश में एक बाल मजदूर ऐसा भी है जिसमें बिना किसी संस्था या सरकारी सहयोग के अपनी योग्यता के बलबूते पर भारत की सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग सिविल सर्विस परीक्षा पास कर ली। आज वह बालक भारतीय पुलिस सेवा में हरियाणा कैडर का अधिकारी है। लोगों से गंगा राम पुनिया के नाम से जानते हैं। 

खेतों में काम करते थे, 10 किलोमीटर पैदल स्कूल जाते थे

आईपीएस गंगाराम पूनिया का जन्म आज से 25 साल पहले लिखियास गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। खेती-बाड़ी का काम भी करना पड़ता था। पूनिया ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही पूरी की। इसके बाद रोजाना 10 किलोमीटर पैदल चलकर करकेड़ी गांव में राजकीय विद्यालय में 12वीं की परीक्षा पास की।

बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी से UPSC परीक्षा पास की

कक्षा 12 के बाद घर की माली हालत को देखते हुए पूनिया ने आगे पढ़ने के बजाय नौकरियों के लिए प्रयास शुरू किए। जनवरी 2009 में अजमेर के पोस्ट ऑफिस में लिपिक यानी क्लर्क की नौकरी मिली। इसके साथ प्राइवेट ग्रेजुएशन पूरी की। उनके गुरु ज्वाला प्रसाद खंगारोत ने सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए गाइड किया। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए लिपिक की नौकरी करना भी जरूरी था क्योंकि घर चलाने के लिए पैसे चाहिए थे। उन्होंने बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी कर सिविल सर्विस की तैयारी की और सिविल सर्विस की पहली परीक्षा में वह इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई थी।

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