जबलपुर। पुलिस की प्रताड़ना के कारण दिव्यांग हुए अमित जोशी के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत का लाभ दिया है। अग्रिम जमानत दो आधार पर दी गई। पहला अमित जोशी पुलिस की प्रताड़ना का शिकार है और उसका कहना है कि पुलिस ने उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है। दूसरा अमित जोशी के दोनों हाथ ठीक प्रकार से काम नहीं करते।
दरअसल अधारताल थाने में युवती ने अमित जोशी पर दुराचार का मामला दर्ज कराया। आरोपित की तरफ से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे और अंचल पांडे सहित अन्य ने पक्ष रखा। इस संबंध में तर्क देते हुए बताया कि अप्रैल 2018 में अमित जोशी को माढ़ोताल पुलिस चौकी में पदस्थ आरक्षक राजेश वर्मा ने उल्टा लटकाकर पीटा। पिटाई में उसके दोनों हाथ खराब हो गए। 25/27 आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। पिटाई के खिलाफ युवक ने न्यायालय में परिवाद दायर किया गया। न्यायालय के निर्देश पर 2 मेडिकल विशेषज्ञों ने जांच में दावों को सही बताया।
अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि आरक्षक ने द्वेष भाव में बलात्कार का झूठा प्रकरण दर्ज करवाया। उक्त आरोप लगाने वाली युवती पूर्व में भी ऐसे आरोप अन्य पर लगा चुकी है। युवती ने साल 2013 में थाना कोतवाली में एक युवक पर दुराचार का ऐसा ही मामला दर्ज करवाया था। बाद में न्यायालय में उसने दुराचार के आरोप का नकार दिया। वह कोर्ट में पक्षविरोधी हो गई। इतना ही नहीं दुराचार के आरोपित अमित जोशी शारीरिकतौर पर दोनों हाथ खराब है ऐसे में दुराचार करना संभव नहीं है।
इस संबंध में बचाव पक्ष ने दस्तावेज भी न्यायालय में पेश किये। न्यायालय ने उन दस्तावेजों का परीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश शासन को दिए। बुधवार को शासन की तरफ से रिपोर्ट पेश हुई। जिसके आधार पर अमित जोशी को अग्रिम जमानत मिल गई।