जबलपुर। शहर के प्रख्यात जेपी हॉस्पिटल में JETHI CHILDREN'S HOSPITAL JABALPUR में 12 साल के बालक की संदिग्ध मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि गलत इलाज के कारण बालक की मौत हुई है। बालक की तबीयत इतनी खराब नहीं थी फिर भी डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया और इलाज शुरू होने के कुछ ही घंटों के भीतर बालक की मौत हो गई जबकि वह पैदल चलकर अस्पताल आया था।
Dr. SC JETHI ने दो बार जांच कराई और भर्ती कर लिया
हनुमानताल निवासी रत्नेश सोनकर ने बताया कि उनके भांजे गौरव सोनकर (12) पिता मदन सोनकर की तबीयत खराब थी। 2-3 दिन पूर्व उसे लेकर वे डॉ. जेठी अस्पताल पहुंचे, जिसका परीक्षण करने के बाद डॉ. एससी जेठी ने कुछ पैथालॉजी जांचें कराने की सलाह दी। जांच कराने के बाद वे रिपोर्ट लेकर पहुंचे तो डॉ. जेठी ने कुछ और जांचें लिख दीं। पसली में पानी भरने की जानकारी देकर उन्होंने गौरव को अस्पताल में भर्ती कर लिया।
डॉ. एससी जेठी ने पहले निश्चिंत रहने को कहा और फिर सॉरी बोल दिया
वार्ड में लगे मॉनिटर बंद पड़े थे, जिसकी जानकारी देने पर डॉक्टर ने निश्चिंत रहने कहा था। रत्नेश ने बताया कि अस्पताल में भर्ती करने के कुछ घंटे बाद ही गौरव की तबीयत और खराब होने लगी। उसे वेंटीलेटर पर रख दिया गया। मृत्यु की जानकारी देने से पहले डेढ़-दो घंटे तक चिकित्सक गोलमोल जवाब देते रहे। कुछ घंटों में ही उपचार में हजारों रुपए खर्च करवाने के बाद जानकारी दी कि गौरव को नहीं बचाया जा सका। हालांकि डॉक्टर जेठी ने उपचार में लापरवाही के आरोप को गलत बताया है।
बालक के परिजन डॉ. एससी जेठी के खिलाफ मामला दर्ज कराने पड़े
अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलते ही सीएसपी रांझी धर्मेश दीक्षित समेत कई थाना प्रभारी, घमापुर व सिविल लाइन थाने से जवान तथा महिला पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। देर रात तक हंगामा चलता रहा। स्वजन एफआईआर दर्ज कराने घमापुर थाने पहुंचे।