माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी, चलिए ये भी मान लिया कि अतिथि विद्वान/शिक्षक सभी अयोग्य थे साहेब ...पर क्या इन प्रश्नों के उत्तर देगी सरकार ....?
1) यदि ये अयोग्य थे तो पिछले 15 वर्षों में मध्यप्रदेश के अधिकांश महाविद्यालयो को इनके भरोसे क्यों छोड़ रखा था साहेब.?
2) यदि ये अयोग्य थे तो किस कारण से अपने वचन पत्र के पैरा नम्बर 17.22 में इनके नियमितीकरण करने की बात प्रमुखता से रखी गई साहेब...?
3) क्या कारण था कि इन अतिथि विद्वानों से न्यूनतम वेतन पर कार्य तो लगातार लिया गया परन्तु इनके कई महीनों के वेतन को जानबूझकर क्यों रोका गया जबकि इनकी बेहाल आर्थिक स्थिति का सबको एहसास था साहेब ?
4) क्या कारण था कि सरकार के जिम्मेदारो द्वारा लगातार इनके मामले में मुखिया सहित सभी को लगातार गुमराह किया जा कर बोला गया कि एक भी अतिथिविद्वान को बाहर नही किया जाएगा और लगभग 2700 शिक्षको को बाहर निकाल रोड पर ले आये पर आज भी मूर्खतापूर्ण तरीके से बोला जा रहा है कि एक भी अतिथिविद्वान को बाहर नही किया जाएगा जबकि सब महीनों से रोड पर बैठे है आखिर झूठ और भ्रम क्यों उत्त्पन्न किया गया साहेब..?
5) क्या कारण था कि सरकार द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती 2017 के फर्जीवाड़े के पुख्ता आधारों के कई खुलासे व शिकायतो के बाद भी उच्च स्तरीय पारदर्शी जांच करवाने की वजह पूरे मामले को अनैतिक तरीके से दबाने का प्रयास किया गया जबकि चुनाव पूर्व इस भर्ती प्रकिया को पुख्ता प्रमाणो के आधार पर वर्तमान जिम्मेदारो द्वारा कई आंदोलनों में खुले मंचो से व प्रदेश की जागरूक मीडिया को बयान देकर इस व्यपाम-2 घोटाला बताया और इसकी CBI जांच की उच्च श्रेणी जांच की मांग की थी पर आज वे खुद मांग करने वाले सत्तासीन है तो ये सहायक भर्ती 2017 भर्ती (व्यपाम 2 ) घोटाले में CBI तो दूर SIT-STF जांच तक करवाने से भी परहेज किया क्यों साहेब ...?
6) क्या कारण था जो सहायक प्राध्यापक भर्ती 2017 घोटाले में फर्जी दस्तावेज व असत्य जानकारी जानबूझकर देने वाले कई लोगो के फर्जीवाड़े व जाली दस्तवेजो के संज्ञान में आने के बावजूद सिर्फ उन्हें नोटिस देकर इतिश्री कर दिया गया जबकि वैधानिक रूप से उन सभी के ऊपर जाली दस्तावेज तैयार करने व अन्य अपराधो के चलते FIR होनी चाहिए थी साहेब..?
7)क्या कारण है कि आज भी जिम्मेदारो द्वारा आधारहीन सफाई मीडिया के माध्यम से देना पड़ रही है कि दिल्ली सरकार से 137 करोड़ रुपये रोक लिए गए इस कारण से नियमितकरण में इनके मामले में दिक्कत आ रही है जबकि वास्तविकता में समझा जाए तो 137 करोड़ से तो इन अतिथिविद्वान शिक्षकों की सिर्फ 7 माह का वेतन ही दिया जाता है ,फिर भी जिम्मेदार द्वारा अनुभव की कमी के कारण लगातार बेबुनियाद बाते रखी जा रही है साहेब ...?
8) क्या कारण है कि आज भी सैकड़ो की संख्या सहायक प्राध्यापक भर्ती 2017 में फर्जी मूलनिवासी , जाति, शैक्षणिक योग्यता व मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियमों सम्बधित (बच्चों) अन्य दस्तवेजो व जानकारी देकर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगो पर किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्यवाही नही की जा रही साहेब..?
9) क्या कारण है जो सरकार के जिम्मेदारो द्वारा लगातार झूठ बोला जा रहा है कि आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वान/शिक्षको द्वारा किसी भी प्रकार का संवाद स्थापित करने का प्रयास नही किया गया जबकि सच्चाई यह है कि इन पीड़ित -शोषित- दुःखी अतिथिविद्वान शिक्षको ने लगभग सरकार के सभी जिम्मेदारो के यह एक बार नही कई बार गुहार लगाई और कई बार तो इन्हें कई जिम्मेदारो द्वारा शर्मनाक तरीके से जलील भी किया गया साहेब...?
10) क्या कारण है जो मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग में वर्षो से विशेष विचारधारीयो द्वारा व्यापक पैमाने पर अनिमितता व फर्जीवाड़े किये गए और जिनके खुलासे पूरी जिम्मेदारी से हमारे द्वारा कई बार पूर्व व वर्तमान में प्रमाणों के साथ किये है पर सतत उसकी अनदेखी की गई आखिर क्यों साहेब...
पंकज प्रजापति