आदरणीय महोदय जी, सादर नमस्कार, म.प्र मे 2018 मे कर्मचारियों एवं महिला सम्मान की रक्षा की बात करने वाले आज चुप क्यों है अभी हाल ही मे शिवराज सिंह चौहान ने म.प्र के मुख्यमंत्री जी का ध्यान उनके पुराने ट्विट पर प्रश्न करते हुए खींचने का प्रयास किया है। अभी प्रदेश सरकार के शिक्षामंत्री जी उदयपुरा जिला रायसेन मे अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण पर बोले की विभागीय परीक्षण चल रहा है जब उन्होने 90 दिन के वचन पर प्रश्न किया एवं आज आगर जिले मे एक कार्यक्रम मे भी म.प्र के अतिथिशिक्षकों के नियमितिकरण की जिम्मेदारी लेने वाले दिग्विजय सिंहजी के पुत्र म.प्र के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह जी भी अतिथिशिक्षकों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर न दे सके।
जब अतिथिशिक्षकों ने अपने नियमितिकरण एवं 60 दिन से भोपाल के शॉंहजहानी पार्क आंदोलन का जिक्र किया तो वे टाल गए। इससे प्रतीत होता है कि म.प्र मे चुनाव के पहले महिला सम्मान की बात करने वाली कर्मचारी मुद्दो पर न्याय की बात करने वाली कांग्रेस उनके वरिष्ठ नेता सत्ता आते ही इन मुद्दो से किनारा करने लगे हैं। तभी तो दो माह से चल रहे अतिथिविद्वान एवं अतिथिशिक्षकों के आंदोलन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार चाहती है कि लगातार अनदेखी की जाए और ये आंदोलन विफल हो जाए ताकि आगे कोई संगठन अपनी न्याय पूर्ण मॉंग पूर्ति के लिए आंदोलन का सहारा न ले।
महिला अतिथि विद्वान एवं अतिथि शिक्षकों के मुंडन पर भाजपा सरकार मे शोर मचाने वाली कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं स्वयं उस समय इससे आहत होने वाले उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी भी इस पर मौन है और अब तक सीएम साहब कमलनाथजी का आगजनी, खराब मौसम, महिला मुंडन के बाद भी शॉहजहानी पार्क न पहुंचना इस सरकार की संवेदनाहीनता का परिचायक है। एक वर्ष से यह सरकार सिर्फ कमेटिया बना रही है व परीक्षण कर रही है कोई ठोस निर्णय नहीं ले पायी है संविदाकर्मियों के नियमितिकरण की पक्षधर इस सरकार के राज मे म.प्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संविदा जिला एवं राज्य सलाहकार एक वर्ष से भी अधिक समय से सेवा से निष्कासित है परंतु अब तक सरकार ने सेवा बहाली का कोई प्रयास नहीं किया है।
सादर धन्यवाद
आशीष कुमार बिरथरिया
उदयपुरा जिला रायसेन