भोपाल। बसपा से निष्कासित पथरिया विधायक रामबाई अब रॉबिनहुड बन गईं। खुद अपने तरीके से न्याय कर डाला और मसीहा बन गईं। एक अच्छा काम किया कि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंची परंतु भ्रष्ट अधिकारी की ना तो शिकायत की ना कार्रवाई करवाई, बस रिश्वत की रकम जो अधिकारी ने वसूली थी, वो शिविर लगाकर वापस लौटा दी।
सोमवार को बसपा पथरिया विधायक रामबाई ने नगर पंचायत पथरिया कार्यालय पहुंचकर 14 मस्टर कर्मचारियों को नियमित करने के लिए वसूली गई 4.20 लाख रुपए की रिश्वत की राशि अपने हाथ से वापस लौटाई। हर कर्मचारी से 30-30 हजार रुपए की वसूली की गई थी। 14 जनवरी को नगर पालिका परिषद पथरिया द्वारा आयोजित जन समस्या निवारण कार्यक्रम में रामबाई सिंह के समक्ष नगर पालिका में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण के एवज में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी।
इसी शिकायत के आधार पर विधायक रामबाई भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंची और फिर मसीहा बनते हुए सबकी रिश्वत की रकम वापस करवाई गई। इस दौरान रामबाई ने बड़े बड़े बयान भी दिए परंतु उस भ्रष्ट अधिकारी को बड़ी ही चतुराई से बचा ले गईं जिसने नियमितीकरण के बदले 14 कर्मचारियों से 4.20 लाख रुपए वसूले थे।
अधूरे न्याय का पूरा पॉलिटिकल ड्रामा
सोमवार को रामबाई कार्यालय पहुंचीं और एक आयोजन शुरू हुआ। कुछ इस तरह जैसे हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा हो। उन्होंने एक-एक कर्मचारी को बुलवाना शुरू किया और रिश्वत में दी गई रकम वापस लौटाई।
इस बीच उन्होंने नगर अध्यक्ष पति लक्ष्मण सिंह ठाकुर पर लेन-देन करने के आरोप लगाए।
उन्होंने बताया कि किसी कलीम नामक व्यक्ति ने यह रिश्वत के पैसे लिए थे और एक कर्मचारी राजू सोनी के यहां दिए थे। बड़ी ही चतुराई के साथ रामबाई ने उस अधिकारी का नाम तक नहीं लिया जो घूसखोरी का सूत्रसंचालक है।
विधायक ने भ्रष्ट अधिकारी को सस्पेंड नहीं कराया लेकिन जनता से कहा कि आज के बाद कोई पैसा मांगे तो मुझे बताना।
विधायक रामबाई ने कहा कि यदि किसी ने ब्याज पर पैसा लिया है तो ब्याज मत देना। हालांकि उन्होंने सूदखोर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
मस्टरकर्मी संतोष अहिरवार, गिरधारी पटेल, अजय मिश्रा, राम नारायण, अनिल अहिरवार, भीकम यादव, हरिश्चंद्र अहिरवार, इसराइल खां सहित 14 कर्मचारियों की राशि लौटाई गई।
कुल मिलाकर विधायक ने किसी भी अपराधी को कानून के जरिए दंडित करवाने की कोशिश तक नहीं की। उनका खुलासा भी नहीं किया, बस आवाज उठने लगी थी इसलिए पैसे वापस करके सबको चुप करवा दिया और एक प्रकार से भ्रष्ट अधिकारी को बचा लिया। नेतागिरी भी पूरी हो गई।
इस सारे घटनाक्रम के फोटो/वीडियो करवाए गए और फिर उन्हे वायरल करवाया गया ताकि रॉबिनहुड वाली इमेज मजबूत बनी रहे।