भोपाल। भोपाल समाचार की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। मध्य प्रदेश के रीवा में सरकारी मॉडल साइंस कॉलेज में महात्मा गांधी की जगह लगाई गई हॉलीवुड एक्टर की मूर्ति को हटाया जाएगा। इसकी जगह महात्मा गांधी की मूर्ति लगाई जाएगी। याद दिला दी कि 30 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार के आदेश पर कॉलेज में यह मूर्ति लगाई गई थी। छात्रों ने इसका विरोध किया था। भोपाल समाचार ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
महात्मा गांधी की जगह हॉलीवुड एक्टर बेन किंग्सले की मूर्ति लगा दी थी
कमलनाथ सरकार ने आदेश दिए थे कि सभी सरकारी कॉलेजों में 30 जनवरी महात्मा गांधी के शहीद दिवस के अवसर पर गांधी जी की प्रतिमा का स्थापना किया जाए। इसी आदेश के तहत रीवा में एक मूर्ति का अनावरण किया गया परंतु यह मूर्ति महात्मा गांधी की नहीं बल्कि हॉलीवुड फिल्म गांधी में महात्मा गांधी का रोल करने वाले हॉलीवुड एक्टर बेन किंग्सले की थी।
छात्रों के विरोध को जांच कमेटी के नाम पर टाल दिया गया था
30 जनवरी को प्रतिमा के अनावरण के साथ ही छात्रों ने इसका तीव्र विरोध किया था।छात्रों ने आरोप लगाया था कि यहां पर जिस प्रतिमा का अनावरण हुआ है, वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नहीं लग रही है, बल्कि ये ब्रिटिश फिल्म अभिनेता बेन किंग्सले से मिलती-जुलती है। छात्रों इसे गांधीजी का अपमान बताया था। उन्होंने कहा था कि ये वही अभिनेता है, जिसने 'गांधी' फिल्म में महात्मा गांधी का किरदार निभाया था और वह अंग्रेज था, इसलिए जिसने भी ये काम किया है, उसके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए। कॉलेज प्रशासन ने उनके विरोध को यह कहते हुए टाल दिया था कि एक कमेटी बनाई जाएगी जो मामले की जांच करेगी।
भोपाल समाचार में छात्रों की आवाज बुलंद की
भोपाल समाचार ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था (यहां पढ़ें: महात्मा गांधी की जगह हॉलीवुड एक्टर की प्रतिमा लगा दी)। रीवा के छात्रों की आवाज को बुलंद किया गया। नतीजा इस मामले पर पूरे प्रदेश से प्रतिक्रिया यहां आना शुरू हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कमलनाथ सरकार पर तंज कसा था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आईफा के प्रदेश में आने से पहले ही कमलनाथजी और उनके मंत्री फिल्मों से इतने प्रभावित हो गए कि महात्मा गांधी कैसे दिखते थे, ये भी भूल गए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि असली गांधीजी की जगह फिल्मी गांधी की आंधी में उड़ गए।
प्रिंसिपल ने माना प्रतिमा गलत है
मॉडल साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि प्रतिमा को लगाने के लिए हमें काफी कम समय मिला। 29 जनवरी को प्रतिमा कॉलेज लाई गई। शाम को कॉलेज बंद होने के बाद शाम को प्रतिमा लगा दी गई। सुबह इसका अनावरण कर दिया। जब विद्यार्थियों ने इसे देखा तो विरोध जताया। जब मुझे इसकी जानकारी हुई तो मैंने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। प्रिंसिपल श्रीवास्तव ने कमेटी की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि, "प्रतिमा में कुछ कमियां हैं, उसका चेहरा थोड़ा लंबा है, जबकि इसे गोलाकार होना चाहिए था।"
एक से डेढ़ लाख के बीच आती है प्रतिमा
प्रिसिंपल डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिमा में त्रुटियाें की वजह से इसे बदलने का फैसला किया है। मैं उस दौरान एक मीटिंग के सिलसिले में भोपाल गया था। लौटने के बाद प्रतिमा बदलने के आदेश दे दिए हैं। हालांकि कोई भी प्रतिमा बनाने में हूबहू बन जाए, यह संभव नहीं हो पाता है। इसका खर्च भी बनाने वाली कंपनी को वहन करना होगा। एक प्रतिमा 1 से डेढ़ लाख रुपए के बीच आती है।