भोपाल। अब से 11 साल पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की बहुचर्चित हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को भोपाल की विशेष अदालत में दोषमुक्त कर दिया है। न्यायालय में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं किया जा सके।
FIR के बाद पूर्व मंत्री का नाम जोड़ा गया था
हत्याकांड में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर आरोपी नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा, रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया था। स्पेशल कोर्ट ने पहले 19 मई को आर्य को हत्याकांड में आरोपी बनाया, लेकिन वह हाईकोर्ट गए तो वहां स्पेशल कोर्ट का फैसला निरस्त हो गया। इस दौरान मंत्री आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने भिंड कोर्ट के फैसले को सही माना।
मृत विधायक के बेटे का आरोप था: मंत्री लाल सिंह आर्य ने ही हत्या करवाई थी
भिंड की कोर्ट ने 24 अगस्त को तत्कालीन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाते हुए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया था। जाटव के बेटे रणवीर सिंह ने विशेष अदालत में आवेदन दिया था कि उनके पिता की हत्या के मामले में मंत्री आर्य को आरोपी बनाया जाए, क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथ छिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात 8 बजे पिता की हत्या करवाई थी।
कोर्ट में पेश नहीं हुए थे राज्यमंत्री, गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था
विशेष अदालत ने मामले में लाल सिंह आर्य को सम्मन जारी किया था। हत्या के मामले में कोर्ट में 6 बार जमानती वारंट पर पेश नहीं होने पर मंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ 7वीं बार में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद 5 अप्रैल को लाल सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। उन्हें एक लाख के मुचलके पर रिहा किया गया था।
सुरक्षा गार्ड ने कहा- अंधेरे में किसी को नहीं देख पाया
स्पेशल कोर्ट में अरविंद जाटव, श्रीपाल सिंह के अलावा हत्या के समय विधायक माखनलाल जाटव के साथ गाड़ी में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड एएसआई बालकृष्ण ढोंगरा के बयान भी हुए थे। कोर्ट में ढोंगरा ने कहा था कि उन्होंने वारदात के समय गोली चलने की आवाज तो सुनी थी, लेकिन अंधेरा होने से किसी को पहचान नहीं पाया।
13 अप्रैल 2009: आर्य ने कहा था- माखनलाल को मारो, बचने न पाए
"छरैंटा गांव में विधायक जाटव चुनाव प्रचार के दौरान अपनी गाड़ी में बैठकर लोगों से मिल रहे थे। उसी वक्त लाल सिंह आर्य हथियारों से लैस साथियों के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा- माखनलाल को मारो। बचने न पाए। इसके बाद ही उनके दो साथियों ने गोली चलाई। घायल जाटव को ग्वालियर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।" - विधायक जाटव के बेटे रणवीर के वकील ने जैसा कोर्ट में आरोप लगाया था।