भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लोकप्रिय चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह में कांटो की कमी नहीं रहती। पब्लिक के बीच हो कितने भी लोकप्रिय क्यों ना हो, बात जब कांग्रेस की आती है तो उनकी टांग खींच ही ली जाती है। पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी खींच ली गई, फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने नहीं दिया और अब राज्यसभा के रास्तों में भी कांटे बिछा दिए गए हैं। यह शुभ काम कमलनाथ के विश्वसनीय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने किया है। दिग्विजय सिंह गुट के मंत्री पीसी शर्मा ने इसका समर्थन किया है।
प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने की मांग
कांग्रेस की राजनीति में जब यह सुनिश्चित हो गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश अध्यक्ष पद से दावेदारी त्याग दिए और अब वह राज्यसभा में जाने के लिए तैयार हैं तो फिर एक नए सिरे से घेराबंदी शुरू हो गई। मध्य प्रदेश के लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मांग की है कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने उनका समर्थन किया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट लामबंद
एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट लामबंद हो गए हैं। प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से भेजने की मांग करने वाले सज्जन सिंह वर्मा कमलनाथ के नजदीकी है। कमलनाथ की एनओसी के बिना प्रदेश स्तरीय राजनीति पर कोई बयान नहीं देते। मंत्री पीसी शर्मा घोषित रूप से दिग्विजय सिंह के साथी हैं। प्रियंका गांधी की मांग के साथ ही कांग्रेसमें एलानिया तौर पर यह बता दिया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अब अकेले हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए उन्होंने जितना परिश्रम किया था उसका प्रतिफल दिया जा चुका है। अब उन्हें और प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।