भोपाल। दो लाख करोड़ से ज्यादा की कर्ज में चल रही कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश की जनता को पेयजल आपूर्ति करने से हाथ खींचने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में आयोजित हुई मध्य प्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की बैठक में निर्देश दिए हैं कि पेयजल योजनाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
क्या कहा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने
मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि पेयजल योजनाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए और उनके क्रियान्वयन के लिए वित्तीय संसाधन जुटाए जाएं। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पेयजल योजनाओं के संचालन और संधारण की लागत का विश्लेषण किया जाना चाहिए और उन्हें स्वयं के वित्तीय स्रोतों के जरिए संचालित करने का प्रयास होना चाहिए।
दो लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज इस तरह से चुकाई की जनता
अपने नागरिकों को पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना किसी भी सरकार की बेसिक रिस्पांसिबिलिटी होती है। सरकार विकास करें या ना करें लेकिन इन सुविधाओं पर खर्चा सरकारी खजाने से ही किया जाता है। जनता इन्हीं सुविधाओं के लिए टैक्स अदा करती है। हर सामान की खरीद पर जो GST अदा किया जाता है वह इन्ही सुविधाओं के लिए होता है। सरकार इसके लिए अलग से टैक्स नहीं लगा सकती लेकिन इतिहास बताता है कि यदि पब्लिक सवाल नहीं करती तो सरकार हमेशा मनमाने टैक्स थोप देती है।