भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार उद्योगपतियों और पूंजीपतियों की सरकार है। मुख्यमंत्री स्वयं उद्योगपति, उन्हें जनता और गरीबों की चिंता से ज्यादा उद्योगपतियों की पूंजी बढ़ाने की चिंता है। एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है वही दूसरी ओर उद्योगपतियों को छूट दे रहे हैं, उनकी देनदारी किश्तों में बांट रहे है। यह प्रदेश के वित्तीय हितों पर कुठाराघात है। यह बात नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार द्वारा रिलायंस समूह के सासन पावर प्रोजेक्ट पर बकाया 450 करोड़ वसूली मियाद बढ़ाने पर कही।
रोजगार न देने वाले उद्योगपतियों का लाभ बढ़ाने में लगे मुख्यमंत्री
श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले एक साल में उद्योगपति प्रदेश में एक भी रोजगार नहीं दे सके। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ जरूर उद्योगपतियों को लाभ दिलाने उनके व्यवसाय, मुनाफे में अभिवृद्धि करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा अंबानी ग्रुप के 450 करोड़ रुपये की देनदारी को किश्तों में बांटकर छूट देना मध्यप्रदेश के हितों पर कुठाराघात है।
राहत देना है तो किसानों और गरीबों को दें
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि कांग्रेस सरकार की किसान विरोधी नीति ने किसानों की कमर तोड़ दी है। इससे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कमलनाथ सरकार पूंजीपतियों व अपने चहेते कारोबारीयों को राहत दे रही है। अगर प्रदेश सरकार को राहत देना ही है तो उद्योगपतियों के बजाय गरीब किसान, बेरोजगार युवा और जिन योजनाओं को सरकार ने बन्द किया है उनके हितग्राहियों को राहत दें। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा है कि जिस तरह बड़े पूंजीपति को राहत दी है, उससे एक बार फिर साबित हो गया है कि उद्योपति मुख्यमंत्री पूंजीपतियों की तिजोरी भर रहे है। किसान, लघु और मध्यम व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों की उन्हें थोड़ी भी चिंता नहीं है।