भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 20670 पदों पर स्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी की गई विज्ञप्ति में संशोधन कराने के उद्देश्य से शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ का विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन 25 फरवरी को भी लोक शिक्षण संचालनालय विभाग के सामने जारी रहा। पात्र अभ्यर्थी लगातार रिक्त पदों में वृद्धि एवं जारी विज्ञप्ति में संशोधन की मांग कर रहे हैं।
पात्र अभ्यर्थियों का आरोप है कि स्थाई शिक्षक भर्ती में आरटीई नियमों की अवहेलना की जा रही है जिससे हजारों पात्र अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित हो गए हैं। पात्र अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय जाकर प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी स्कूल शिक्षा विभाग को ज्ञापन पत्र भी सौंपा है जिसमें प्रमुख रूप से रिक्त पदों में वृद्धि कर स्थाई शिक्षक भर्ती करने की मांग की गई है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में पात्र अभ्यर्थियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव के समय कमलनाथ सरकार ने कहा था कि 120000 शिक्षकों के खाली पदों पर नियमित शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। लेकिन भर्ती के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है जो कि गलत है यह कहां का न्याय है यह कैसा बदलाव है। पात्र अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार के पास आएगा वार्ड करवाने के लिए बजट है लेकिन मध्यप्रदेश की गिरती हुई शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधारने के लिए बजट नहीं है। वर्ग एक और वर्ग 2 में बहुत ही कम पदों पर भर्ती की जा रही है।
वर्ग 2 में केवल अंग्रेजी विषय मैं 3358 पद दिए हैं जबकि अन्य विषयों के साथ भेदभाव किया जा रहा है विज्ञान को 50 ,सामाजिक ज्ञान को 60 ,हिंदी को 100 पद दिये हैं। ये कैसा वितरण है। अभ्यर्थियों की सरकार से मांग है कि बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों का कोटा 5% निर्धारित किया जाये और समान वितरण के साथ पदों में वृध्दि करते हुए शिक्षक भर्ती की जाये।