मुंबई। महाराष्ट्र के वर्धा जिले में पीछा करने वाले एक सिरफिरे द्वारा पिछले सप्ताह आग के हवाले की गई 25 साल की महिला लेक्चरर ने सोमवार सुबह नागपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी फैल गई है। गुस्साए ग्रमीणों ने पथराव किया और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए लाठी चार्ज का सहारा लिया। बाजार बंद हो गए और लोगों ने सड़कों पर चक्का जाम किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महिला लेक्चरर की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में का जाएगी।
हिगणघाट के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील
हिगणघाट के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार दिशा अधिनियम का गहन अध्ययन करेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कड़े कानूनी उपाय करेगी। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू दिशा कानून में मामला दर्ज होने के सात दिनों के अंदर जांच पूरी किया जाना और आरोप पत्र दाखिल होने के 14 दिनों के भीतर सुनवाई होना अनिवार्य किया गया है। वर्धा में आरोपित विकेश नगराले (27) ने हिंगणघाट निवासी अंकिता पिसुड्डे (25) को तीन फरवरी को उस समय आग के हवाले कर दिया था जब वह कालेज जा रही थी। पीड़िता 40 फीसद जल गई थी और उसका नागपुर के 'ओरेंज सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर' में इलाज चल रहा था।
हिंगणघाट के पुलिस निरीक्षक सत्यवीर बंडीवार ने कहा, 'डॉक्टर ने सोमवार सुबह छह बजकर 55 मिनट पर अंकिता को मृत घोषित कर दिया।' उन्होंने बताया कि पीड़िता की मौत के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अस्पताल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महिला के रिश्तेदारों के मुताबिक नगराले पिछले कुछ समय से अंकिता को परेशान कर रहा था।वारदात के कुछ घंटे बाद ही उसको गिरफ्तार कर लिया गया था। महिला के पिता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी को त्वरित न्याय मिलेगा और निर्भया सामूहिक दुष्कर्म की तरह इस मामले में देरी नहीं होगी। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पीड़िता के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है।