जबलपुर। भारत देश की और राजनीतिक राजधानी दिल्ली में जब दो संप्रदाय के लोग एक दूसरे पर जानलेवा हमले कर रहे थे उसी समय संस्कारधानी जबलपुर में एक हिंदू युवक तालाब में डूब रही मुस्लिम महिला को बचाने की कोशिश कर रहा था। युवक ने अपनी जान की परवाह किए बिना तालाब में डूबती महिला को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।
घटना जबलपुर शहर के हनुमानताल स्थित तालाब की है। यहां एक मुस्लिम महिला आत्महत्या करने के लिए तालाब में कूद गई। सतीश तिवारी नाम के युवक को जैसे ही महिला कूदते हुए दिखाई दी बिना किसी बात की परवाह किए सतीश ने भी तालाब में छलांग लगा दी। यदि डूबता हुआ व्यक्ति अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा हूं तो उसे बचाना आसान होता है लेकिन जब व्यक्ति आत्महत्या के इरादे से कूदा हो तो उसे बचाना काफी मुश्किल होता है।
यह भारत के संस्कार जिन्हें कोई बदल नहीं सकता
देश में पिछले कुछ दिनों से भारत की सभ्यता और संस्कार को बदलने की कोशिश की जा रही है। इतिहास गवाह है, इस तरह की कोशिशें पहले भी होती रही है परंतु देश की आम जनता, नेताओं के बहकावे में नहीं आती। "वसुधैव कुटुंबकम" हिंदुत्व का आधार है और इसे कोई कपिल मिश्रा बदल नहीं सकता। सतीश तिवारी हमेशा उनकी जान बचाने के लिए छलांग लगाता रहेगा, भले ही तालाब में गिरने वाला व्यक्ति असदुद्दीन ओवैसी की सफलता के लिए दुआएं क्यों न मांगता हो।