नरसिंहपुर। ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्व हिंदू परिषद हिंदुत्व के नाम पर सनातन धर्म को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शनिवार को नरसिंहपुर जिले के झोंतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उनका कहना है कि देश के गैर राजनीतिक आम लोगों को सनातन धर्म के लिए काम करना चाहिए।
भगवान शिव ने राम लला की जिस स्वरुप के दर्शन किए थे वही प्रतिमा होनी चाहिए: शंकराचार्य
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते हैं। ट्रस्ट में किसी को रखने पर कोई आपत्ति नहीं है, उन्हें तो ट्रस्ट बनाने पर ही आपत्ति है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के स्वरूप का खुलासा होना चाहिए, किस तरह का मंदिर बना रहे है। उन्होने कहा कि भगवान शिव ने जिस स्वरूप के दर्शन भगवान राम के किए थे, उसी रामलला की प्रतिमा स्थापित होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की नहीं रामलला की जीत हुई है: शंकराचार्य
उन्होंने कहां कि यदि अध्योध्या में भगवान राम का मंदिर सनातन धर्म के अनुरूप निर्मित कराया जाता है, तो वह आम भक्तों की तरह दर्शन करने के लिए अवश्य जाएंगे। उनका कहना है कि यहां पर भव्य मंदिर रामलला का बनना चाहिए क्योंकि उच्चतम न्यायालय में रामलला की जीत हुई है। सरकार की जीत नही हुई है। इसलिए रामलला का भव्य मंदिर रामजन्म भूमि अध्योया में भक्तों के सहयोग से बनना चाहिए।