भोपाल। क्या दुनिया में कोई ऐसा स्कूटर है जो 5 टन पत्थर यहां से वहां ले जा सकता है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड पैकेज घोटाले के दस्तावेजों की जांच करें तो आपको पता चलेगा कि ऐसा हो सकता है। क्योंकि सरकारी दस्तावेजों में एक स्कूटर का नंबर दर्ज है। बताया गया है कि इस नंबर के वाहन ने 5 टन पत्थर यहां से वहां पहुंचाया। EOW का कहना है कि यह कुल 3800 करोड़ का घोटाला है।
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के 13 जिलों में विकास कार्यों के लिए 7 हजार 266 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इनमें 3 हजार 800 करोड़ रुपये केवल मध्य प्रदेश के लिए दिए गए थे। केंद्र सरकार ने इलाके की तस्वीर बदलने के लिए यह बजट पास किया था लेकिन यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बताया गया कि मेगा करप्शन का यह मामला सामने ही नहीं आता अगर टीकमगढ़ के रहने वाले पवन घुवारा ने इसे उठाया न होता।
घोटाले की जांच के लिए कमिटी गठित
पवन ने योजना में इस्तेमाल वाहनों की संख्या में अनियमितता देखने के बाद इसे उठाने का फैसला लिया, जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। सूत्रों की माने तो पन्ना में वन विभाग ने मोटरसाइकल, स्कूटर, कार और जीप को कागज पर जेसीबी के रूप में दर्ज किया था। बताया गया कि यह अभी घोटाले से जुड़ा बहुत छोटा-सा खुलासा है। इसकी कई परतें अभी खुलनी बाकी हैं।
साल 2014 में हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस फंड में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए थे। प्रशासनिक हलकों में अभी जांच जारी ही थी कि प्रदेश की बीजेपी सरकार चुनाव हार गई और शिवराज सिंह सीएम का पद खो बैठे। इसके बाद आई कांग्रेस सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी है।